पूरी दुनिया कोरोना वायरस से त्राहिमाम है जिसका व्यापक असर विमानन क्षेत्र में पड़ा है. अब खबर है कि क्षेत्रीय विमानन कंपनी एयर डेक्कन कोरोना वायरस की वजह पैदा हुए संकट को नहीं झेल पा रही है और अपना परिचालन बंद करने की घोषणा की है. साथ ही उसने सभी कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी पर भेज दिया है.
कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए सरकार ने देश में 21 दिन का लॉकडाउन लगा रखा है. इस राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से विमानन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है. एयर डेक्कन पहली विमानन कंपनी बन गई है जो इस दबाव को नहीं झेल पाई है. एयर डेक्कन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अरुण कुमार सिंह ने कर्मचारियों को भेजे ई-मेल में कहा, ‘‘मौजूदा घरेलू और वैश्विक मुद्दों की वजह से नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 14 अप्रैल तक सभी वाणिज्यिक उड़ानें बंद करने का निर्देश दिया है. ऐसे में एयर डेक्कन के पास अगले नोटिस तक अपना परिचालन बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.
उन्होंने कहा, ‘‘भारी मन से मुझे यह सूचित करना पड़ रहा है कि एयर डेक्कन के सभी स्थायी, अस्थायी और ठेका कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से बिना वेतन के छुट्टी पर भेजा जा रहा है.” एयर डेक्कन के बेडे़ में चार 18 सीटों के बीचक्राफ्ट विमान है. एयरलाइन पश्चिम भारत में क्षेत्रीय मार्गों पर परिचालन करती है. मुख्य रूप से एयरलाइन का केंद्र गुजरात है. सिंह ने कहा, ‘‘अगले सप्ताह प्रबंधन कुछ महत्वपूर्ण पदों को जारी रखने के लिए विभाग प्रमुखों के साथ बैठक करेगा. इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि जब उचित समय आएगा तो एयरलाइन सीमित प्रयासों से परिचालन फिर शुरू कर सकेगी.”
मालूम हो कि उद्योग मंडल फिक्की ने पिछले सप्ताह नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा है कि देश में गई एयरलाइंस दिवालिया होने के कगार पर हैं. उनकी नकदी समाप्त हो रही है जहां अन्य एयरलांस ने लागत कटौती के उपाय किए हैं. इसमें पायलटों की छंटनी, वेतन कटौती या कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजना आदि कदम शामिल हैं. एयर डेक्कन कोरोना वायरस संक्रमण का ‘शिकार’ बनने वाली पहली एयलाइन है. एयर इंडिया को छोड़कर बाकी एयरलाइंस 14 अप्रैल के बाद की बुकिंग ले रही हैं. लेकिन एयर डेक्कन ने बुकिंग शुरू नहीं की है.
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