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राफेल की रफ्तार से तेजस की ताकत तक, भारतीय बेड़े में एक से बढ़कर एक लड़ाकू विमान

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भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) आज यानी 8 अक्टूबर को अपना 88वां स्थापना दिवस (Air Force Day) मना रहा है. पाकिस्तान के बाद अब चीन जैसे पड़ोसी मुल्क हमें सरहद पर ललकारने लगे हैं. ऐसे में एयरफोर्स (वायुसेना) की अहमियत ज्यादा बढ़ गई है. इसी एहमियत को समझते हुए भारत ने अपने वायुसेना (Air Force) के बेड़े में राफेल को शामिल किया है जिसने देश की ताकत को बढ़ाया है.

1965 में लड़े गए भारत-पाकिस्तान युद्ध के 55 वर्षों बाद हवा में दोनों देशों की ताकत बहुत हद तक बदल चुकी है. आइए जानने की कोशिश करते हैं हवा में आज भारत और पाकिस्तान की ताकत कहां ठहरती है.

भारत के पास दुनिया की चौथी बड़ी वायुसेना

संख्या बल की बात करें तो भारत की हवा (Air Force) में ताकत पाकिस्तान से कहीं ज्यादा है. भारतीय वायु सेना (IAF) लगभग 1,70,000 कर्मियों और 2185 एयरक्राफ्ट के साथ अमेरिका, चीन और रूस के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना (Air Force) है.

भारत के बेड़े में अब राफेल के अलावा 66 MiG-29, 51 मिराज 2000, 139 अपग्रेडेड जगुआर, 110 MiG-29 फलक्रम्स के अलावा SU-30 MKI, MiG-21 BISON, तेजस जैसे एयरक्राफ्ट शामिल हैं, जो दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं. हैलीकॉप्टर फ्लीट में चेतक व चीता, MI-26, MI-25/MI-35 प्रमुख हैं.

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भारत के सामने पाकिस्तान कहां?

वहीं सीमा के दूसरे छोर की बात करें तो पाकिस्तानी वायुसेना (Air Force) दुनिया की 7वीं सबसे बड़ी वायुसेना है. इसकी क्षमता की बात करें तो इसके बेड़े में 400 कॉम्बैट और 300 अन्य सपोर्ट एयरक्राफ्ट हैं. पाकिस्तानी वायुसेना में MiG-19, MiG-21-S एयरक्राफ्ट, 45 F-16 फाइटर फाल्कन एयरक्राफ्ट, 70 JF-17 एयरक्राफ्ट, 69 मिराज IIIs, 90 मिराज Vs और 136 F-7s शामिल हैं जबकि भारत के पास 2,185 एयरक्राफ्ट है.

जेएफ-17 जेट्स को संयुक्त रूप से पाकिस्तान और चीन द्वारा विकसित किया गया था. पाकिस्तान ने जेएफ-17 का इस्तेमाल भारत के बालाकोट स्ट्राइक के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए किया था. हालांकि, प्रति पायलट एयरक्राफ्ट के मामले में पाकिस्तान की स्थिति भारत से थोड़ी बेहतर है. पाकिस्तान एयरफोर्स (पीएएफ) के पास प्रति एयरक्राफ्ट 2.5 पायलट हैं जबकि भारत के पास प्रति एयरक्राफ्ट 1.5 पायलट हैं.

राफेल ने बढ़ाई ताकत

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के बेड़े में राफेल के शामिल होने से देश को एक नई ताकत मिली है. फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों को लेकर हुई डील में से पहले पांच विमान जुलाई में भारत आ चुके हैं. राफेल के मुकाबले में चीन के पास चेंगदू J-20 और पाकिस्‍तान के पास JF-17 लड़ाकू विमान हैं. लेकिन राफेल के सामने दोनों पड़ोसी मुल्कों के एयरक्राफ्ट कमजोर साबित होते हैं. राफेल की रफ्तार 2,130 प्रतिघंटा है और यह रडार पर आराम से अपनी लोकेशन दिए बिना चकमा दे सकते हैं. यह एक मिनट में 60 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. राफेल परमाणु हमले को भी अंजाम दे सकता है.

राफेल एयर टू एयर और एयर टू ग्राउंड दोनों ही स्थितियों में जबरदस्त क्षमता रखता है. यह जेट 150 किलोमीटर दूर से ही हवा से हवा में मार करने और लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखते हैं. वहीं यह बिना बॉर्डर पार किए भी दुश्मन के इलाके में 300 किलोमीटर तक लक्ष्य को सुरक्षित भेद सकते हैं. राफेल विमान एक साथ कई घातक हथियार कैरी कर सकते हैं. यह विमान एक साथ 24500 किलोग्राम तक का वजन ले जाने में सक्षम है.

तेजस के तेज से चमकता भारत

स्वदेशी तकनीक से निर्मित तेजस सिंगल इंजन विमान है और इसके डैनों का डिजाइन डेल्टा की तरह तैयार किया गया है. इसकी लोडेड कैरिंग कैपेसिटी 9,500 किलोग्राम और अधिकतम भार क्षमता 13,500 किलोग्राम है. तेजस की फ्यूल कैपेसिटी क्षमता 3,000 लीटर है और इसमें 800 लीटर के पांच टैंक बाहर से जोड़े जा सकते हैं. तेजस के साथ ही भारत छठा देश बन गया है सफलतापूर्वक अरेस्टेड लैंडिंग कर पाए हो. अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस एवं चीन के जेट ही ऐसा कर सकते हैं.

सुखोई-30 और मिराज 2000 की ताकत

सुखोई-30 और मिराज 2000 भारत की वायु (Air Force) ताकत में चार चांद लगाते हैं. एमकेआई को रूस में बनाया गया है. यह दो सीटों और दो इंजनों वाला मल्टीरोल लड़ाकू विमान है. यह एक्टिव अथवा सेमी एक्टिव रेडार या इन्फ्रा रेड होमिंग क्लोज रेंज मिसाइलों के साथ अलग-अलग तरह की मध्यम-दूरी की हवा से हवा में मार करने वाले निर्देशीत मिसाइल को ले जा सकता है. फ्रांस में बना मिराज-2000 एक सीट वाला हवाई रक्षा और मल्टीरोल लड़ाकू विमान जो क्लोज़ कॉम्बेट मिसाइलों से लैस है. यह एक घंटे में 2495 किमी की यात्रा तय कर सकता है.

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