महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो(ACB) ने राज्य के पूर्व जल संसाधन विकास मंत्री अजीत पवार को करोड़ों के कथित सिंचाई घोटाले में क्लीन चिट दे दी है. उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने से ठीक एक दिन पहले जांच एजेंसी एसीबी ने उन्हें सभी मामलों में क्लीन चिट दी.
इससे पहले 25 नवंबर को जब महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच एसीबी ने सिंचाई घोटाले से जुड़े नौ केस बंद कर दिए थे. एसीबी ने कहा था कि जो नौ केस बंद किए गए हैं, उनका वास्ता अजित पवार से नहीं है.
देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी सिंचाई घोटाले को लेकर हमेशा अजित पवार पर निशाना साधते रहे हैं. 2014 में मुख्यमंत्री बनने के बाद जो पहली कार्रवाई उन्होंने की थी वो थी सिंचाई घोटाले में अजित पवार की कथित भूमिका की जांच के आदेश देना. आरोपों में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार के वक्त जब अजित पवार उप मुख्यमंत्री थे तब करीब 70000 करोड़ रुपये के हेराफेरी के भी आरोप हैं.
सिंचाई घोटाले में महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार के दौरान कई सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी देने और उनके क्रियान्वयन में अनियमितताएं शामिल हैं.