उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है. चुनाव से पहले तमाम राजनीतिक दल मैदान में हैं. इस बीच रविवार को एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने ऐसा बयान दे दिया है जिसकी आलोचना चौतरफा हो रही है. रैली को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा कि सरादर पटेल, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्थान से पढ़कर बैरिस्टर बने. सभी ने आजादी की लड़ाई लड़ी. जिन्ना से पटेल की तुलना करने के बाद अखिलेश विवादों में घिर गए हैं.
अखिलेश के बयान पर पलटवार करते हुए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का कल वक्तव्य सुन रहा था, वह देश तोड़क जिन्ना से इस राष्ट्र को जोड़ने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की तुलना कर रहे थे, ये वक्तव्य अत्यंत शर्मनाक है. कल उनकी विभाजनकारी मानसिकता एक बार फिर सामने आ गई जब उन्होंने सरदार पटेल को जिन्ना के समकक्ष रखकर देश तोड़क जिन्ना को महिमामंडित करने का प्रयास किया. ये तालिबानी मानसिकता है जो हमेशा तोड़ने में विश्वास रखती है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.
अखिलेश यादव के बयान पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि भारत के मुसलमान ने 1947 में फैसला कर लिया था कि वो पाकिस्तान नहीं जाएंगे. जिन्ना से हमारा कोई ताल्लुक़ नहीं है. अखिलेश यादव को ये समझना चाहिए कि वो ये बात करके सोच रहे हैं, कोई एक तबका इससे ख़ुश होगा तो वो ग़लत हैं. इतना ही नहीं ओवैसी ने अखिलेश को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें इतिहास पढ़ना चाहिए.
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