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कोरोना पर काबू पाने के लिए डीआईडीसी द्वारा बनाई गई रणनीति
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कोरोना का लक्षण दिखने के बाद प्रवासी मजदूरों को किया जाएगा होम क्वारंटाइन
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गुजरात में मौजूद है 230 से ज्यादा जीआईडीसी
अहमदाबाद: गुजरात में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में कोरोना को मात देने के लिए राज्य सरकार अलग-अलग तरीके की रणनीतियों को तैयार कर रही है.
इसे ध्यान में रखते हुए GIDC के एमडी ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. जिसके तहत राज्य भर की GIDC में अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी श्रमिकों का कोरोना टेस्ट किया जाएगा.
अगर श्रमिक में लक्षण दिखते हैं तो होम क्वारंटाइन और मेडिकल सुविधा मुहैया कराने के लिए जीआईडीसी के अधिकारियों और एसोसिएशन को निर्देश दिया गया है.
गुजरात-महाराष्ट्र सहित राज्यों में रोजगार के लिए प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में आते हैं. कोरोना महामारी के वक्त गुजरात और महाराष्ट्र में अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में श्रमिक रोजगार के लिए आते हैं.
तालाबंदी के बाद वापस लौट रहे हैं प्रवासी श्रमिक
तालाबंदी के बाद प्रवासी मजदूर घर लौट गए थे. हालांकि अब अनलॉक के बाद उद्योग-व्यवसाय रोजगार शुरू हो गया है. जिसकी वजह से प्रवासी मजदूर वापस लौट रहे हैं.
जीआईडीसी में काम करने वाले श्रमिक भी कोरोना से संक्रमित पाए जा रहे हैं. सूरत और अहमदाबाद में मौजूद जीआईडीसी में काम करने वालों की कोरोना जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम सुसज्जित हो गई है.
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बनाई गई खास रणनीति
कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए गुजरात की सभी GIDC में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों का कोरोना टेस्ट किया जाएगा.
इस संबंध में सूरत में जीआईडीसी के एमडी ने कोरोना की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एक खास रणनीति तैयार की गई है.
एम. थेन्नारसन को दी गई जिम्मेदारी
इस काम के लिए नियुक्त किए गए एम. थेन्नारसन ने कहा, “राज्य के सभी जीआईडीसी में काम करने वाले तमाम श्रमिकों का कोरोना टेस्ट किया जाएगा. गुजरात में इस समय लगभग 230 जीआईडीसी कार्यरत हैं. जिनमें अनुमानित 17 लाख लोग काम करते हैं. हालांकि कोरोना के कारण अधिकांश मजदूर अपने घर जा चुके थे. लेकिन कुछ प्रवासी मजदूर वापस काम पर लौट रहे हैं. ”
राज्य की तमाम GIDC को निर्देश दिया गया है कि अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों में अगर कोरोना के लक्षण दिखे तो उनका कोरोना टेस्ट कराया जाए.
अगर मजदूर कोरोना की चपेट में आता है तो उसे वहीं पर रखकर उसका इलाज करने की जिम्मेदारी जीआईडीसी मालिकों के कंधे पर दी गई है.
गौरतलब है कि सूरत और अहमदाबाद में कोरोना पॉजिटिव रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है. यहां GIDC की संख्या भी काफी ज्यादा है. इसलिए पहला कार्यान्वयन सूरत और अहमदाबाद में ही शुरू किया जाएगा. इसके बाद अन्य GIDC में ऐसा ही काम किया जाएगा.
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