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अयोध्या फैसले पर पुनर्विचार अरजी दाखिल करेगा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

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अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंदिर के हक में जाने के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस मसले पर लखनऊ में बैठक की। इस बैठक में फैसला किया गया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अयोध्या फैसले पर पुनर्विचार अरजी दाखिल करेगा। AIMPLB (ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ) ने कहा की कोई दूसरी जगह मस्जिद के लिए मंजूर नही हैं।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ ने बैठक में कहा कि, ‘सुप्रीम कोर्ट ने माना कि नमाज पढ़ी जाती थी। जमीन की पेशकश को कबूल नहीं करेंगे,दूसरी जमीन के लिए सुप्रीम कोर्ट नहीं गए थे। बाबरी मस्जिद में न्याय के लिए कोर्ट गए थे। अयोध्या पर फैसले में कई खामिया है। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि नमाज पढ़ी जाती थी। जन्मस्थान को न्यायिक व्यक्ति कैसे माना जा सकता है। SC ने माना कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई। शरिया के मुताबिक मस्जिद के लिए दूसरी जगह जमीन नहीं लेंगे।’

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष राबे हसन नदवी समेत असदुद्दीन ओवैसी और जफरयाब जिलानी भी मौजूद रहे। इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक पर जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी ने कहा, हम जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर हमारी पिटीशन 100 प्रतिशत खारिज हो जाएगी. लेकिन हमें रिव्यू पिटीशन डालनी चाहिए. यह हमारा अधिकार है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था

सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक जमीन देने का फैसला सुनाया था। चीफ जस्टिस गगोई ने साफ कर दिया कि मामले का फैसले अस्था की बुनियाद पर नहीं बल्कि सबूतों के बुनियाद पर दिया जाएगा। मामले की सुनवाई करते हुए एएसआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि बाबरी मस्जिद खाली जगह पर नहीं बनी थी. सुनवाई आगे बढ़ी और एएसआई की रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया कि बाबरी मस्जिद जिस जगह पर बनाई गई थी वहा पर पहले मंदिर था और इसका अस्तित्व पाया गया था. इतना ही नहीं कोर्ट ने एक ट्रस्ट भी केन्द्र सरकार को बनाने को कहा है ताकि मंदिर की देख रेख हो सके. मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन देने का फैसला सुनाया है.