नई दिल्ली: कोरोना के दैनिक मामलों में दर्ज की जाने वाली कमी के बीच देश में ओमीक्रॉन वेरिएंट की रफ्तार तेज हो गई है. ओमीक्रॉन वेरिएंट दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. तीसरी लहर की आशंका के बीच जानकारों की माने तो कोरोना का नया वेरिएंट भारत में तीसरी लहर का सबब बन सकता है. इस बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नए वेरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग से उत्तर प्रदेश चुनाव स्थगित करने की अपील की है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री, जिन्होंने भारत जैसी बड़ी आबादी वाले देश में मुफ्त कोरोना टीकाकरण के लिए अभियान चलाया है, वह काबिले तारीफ है. अदालत ने उनकी सराहना करता है और माननीय प्रधानमंत्री से इस भयानक महामारी को देखते हुए कड़ी कार्रवाई करने और रैलियों, बैठकों और आगामी चुनावों को स्थगित करने पर विचार करने का आग्रह करता है. क्योंकि “जान है तो जहान है.”
न्यायमूर्ति शेखर यादव की खंडपीठ ने एक मामले में याचिकाकर्ता की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए कहा कि चुनाव आयोग से राजनीतिक रैलियों को रोकने के लिए तत्काल निर्देश जारी करने की भी अपील की. अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए नियमित मामलों के अलावा करीब 400 मामले लंबित हैं. जिसकी वजह से बड़ी संख्या में वकील कोर्ट में मौजूद रहते हैं. कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी लिखा कि वकील सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं. खासकर ऐसे वक्त में जब ओमीक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. न्यायमूर्ति शेखर यादव ने भी अपने आदेश में अपील किया कि राजनीतिक दल टेलीविजन या समाचार पत्रों के माध्यम से अपना प्रचार करें.
चुनावी रैली और चुनाव को स्थगित करने की इलाहाबाद हाईकोर्ट की अपील पर सपा नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उच्च न्यायालय के लोग इस तरह के फैसले देंगे. मेरी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट इस पर स्वत: संज्ञान ले और इस तरह के निर्देश देने वाले लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करे.
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