गांधीनगर: गुजरात में कोरोना के दैनिक मामलों में दर्ज की जा रही कमी के बाद शक्तिपीठ अंबाजी मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए एक बार फिर से खोल दिया गया है. तीसरी लहर के दौरान दैनिक मामलों में भारी वृद्धि के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि एक बार फिर से श्रद्धालु कोरोना दिशा-निर्देशों के अनुसार दर्शन कर पाएंगे.
शक्ति, भक्ति और आस्था का त्रिवेणी संगम, अंबाजी गुजरात और राजस्थान की सीमा पर स्थित एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है. अंबाजी मंदिर में 358 छोटे और बड़े सुनहरे कलश लगे हुए हैं. कोरोना की तीसरी लहर के बाद एक जनवरी से 31 जनवरी तक ट्रस्ट ने अंबाजी मंदिर के कपाट बंद कर दिए थे. लेकिन अब 1 फरवरी यानी आज से अंबाजी मंदिर के कपाट खोल दिए गए है. जिससे श्रद्धालुओं के साथ ही साथ स्थानिक ग्रामीण खुशी से झूम उठे है.
मंदिर ट्रस्ट के इस फैसले के बाद श्रद्धालु आज सुबह से ही अंबाजी मंदिर में प्रवेश लिया अपना समय का दर्शन बुक में दर्ज करवा रहे हैं. मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों को कोरोना नियमों का पालन कराना का निर्देश दिया गया है. श्रद्धालु कोरोना दिशा-निर्देशों के अनुसार दर्शन कर रहे हैं.
गौरतलब है कि शक्ति पीठ अंबाजी आज से आगंतुकों के लिए खोल दी गई है. श्रद्धालु गब्बर पर्वत का भी दर्शन कर सकेंगे, 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी आगंतुकों के लिए ऑनलाइन बुकिंग होगी. इसके अलावा टीकाकरण प्रमाण पत्र सहित दस्तावेज अंबाजी मंदिर की वेब साइट पर अपलोड करने होंगे. 65 वर्ष से अधिक आयु के भक्तों को घर से ऑनलाइन दर्शन करने की सलाह दी गई है.
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