अफगानिस्तान से अमेरिका सेना की वापसी से ठीक पहले काबुल हवाईअड्डे पर पिछले महीने हुए आत्मघाती धमाके कुछ सैनिकों की मौत हो गई थी. जिसके बाद अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आईएसआईएस-के के कई ठिकानों पर ड्रोन से हमला किया था. आतंकवादियों को निशाना बनाते हुए किए गए ड्रोन हमले को ‘‘गलती’’ के रूप में स्वीकार किया है. इस हमले में सात बच्चों समेत 10 नागरिक मारे गए थे. यूएस सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा कि अमेरिका पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है.
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे. ऑस्टिन III ने काबुल में 29 अगस्त को हुए ड्रोन हमले के लिए माफी मांगी है. इस हमले में कुछ आतंकियों के साथ 10 अफगानी नागरिक मारे गए थे. लेकिन हमले के चार दिन बाद पेंटागन के अधिकारियों ने दावा करते हुए कहा था कि यह एक सटीक हमला था.
मीडिया रिपोर्ट के बाद में इस घटना को लेकर अमेरिकी बयानों पर संदेह करना शुरू कर दिया गया था. बताया जा रहा है कि जिस वाहन को निशाना बनाया गया वह एक अमेरिकी मानवीय संगठन का कर्मचारी था. मीडिया रिपोर्ट यह भी दावा कर रही हैं कि पेंटागन के उस दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं था कि वाहन में विस्फोटक था.
तालिबान ने अमेरिकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि उसने आदेश देने से पहले हमें सूचित नहीं किया. तालिबानी प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने चीन की सरकारी टेलीविजन सीजीटीएन को बताया कि विदेशी धरती पर अमेरिकी कार्रवाई अवैध है. मुजाहिद ने सीजीटीएन को एक लिखित जवाब में कहा कि अगर अफगानिस्तान में संभावित खतरा था, तो हमें सूचित किया जाना चाहिए था, यह एक मनमाना हमला था जिसकी वजह से अफगानी नागरिकों को भारी नुकसान पहुंचा है.
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