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महाराष्ट्र में जारी सियासी हंगामा के बीच, शिवसेना नेता के बदले बोल, कांग्रेस राज्य की दुश्मन नहीं

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महाराष्ट्र में होने वाले इलेक्शन में भले ही पिछले इलेक्शन के मुकाबले शिवसेना को कम सीट मिला हो लेकिन इस बार शिवसेना गठबंधन कर महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ सरकार बनाने से पहले कंधे वाली सरकार से पूरा फायदा उठाने के प्लान में है. इसीलिए शिवसेना अपनी मांग पर अडिग है. इतना ही नहीं विचारों के एतबार से एक दूसरे की धुर विरोधी शिवसेना और कांग्रेस अब आपसी सहमती बनाते हुए भी नजर आ रहे हैं. इसीलिए तो संजय राउत कांग्रेस को राज्य का दुश्मन नहीं मान रहे.

शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा है कि यदि महाराष्ट्र में कोई और सरकार गठित नहीं कर पाता है तो उनकी पार्टी अपनी अगली रणनीतिक की घोषणा करेगी. उन्होंने कहा कि अगर अन्य पार्टियां सरकार बनाने को तैयार नहीं हैं तो शिवसेना ये जिम्मा ले सकती है. राउत ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में सरकार गठित करने के लिए बीजेपी को आमंत्रित करने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के निर्णय का स्वागत करती है.

राउत ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि हमें समझ नहीं आता कि यदि बीजेपी को बहुमत का भरोसा था तो उसने (परिणाम घोषित होने के) 24 घंटे बाद ही दावा क्यों नहीं किया इतना ही नहीं राउत ने कहा कि ‘कांग्रेस राज्य की दुश्मन नहीं है. सभी पार्टियों में कुछ मुद्दों पर मतभेद होते हैं.

उन्होंने बताया कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पार्टी विधायकों से रविवार सुबह साढ़े 12 बजे मुलाकात करेंगे.

ठाकरे के निवास के बाहर यहां शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग करते हुए लगाए पोस्टरों के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा, ”उद्धव ठाकरे शिवसेना के नेता हैं और वह सही समय पर उचित फैसला करेंगे. उन्होंने पहले ही कह दिया है कि वह शिवसेना के किसी नेता को मुख्यमंत्री बनाएंगे.”

उल्लेखनीय है कि 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की. राज्य में 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत हासिल करने के लिए 145 सीटों पर जीत की आवश्यकता होती है.