इन दिनों जहां गुजरात में टिड्डियों के आतंक से कई जिला के किसान परेशान नजर आ रहे हैं, वहीं गुजरात में इस बार विकास के नाम पर नहीं बल्कि टिड्डियों के नाम पर सियासत गरमा गई है. जहां राज्य सरकार दावा कर रही है कि जल्द से जल्द टिड्डियों के आतंक से किसानों को निजात मिल जाएगी वहीं कांग्रेस पहले से सजग नहीं रहने का आरोप लगा रही है. केंद्र सरकार ने टिड्डियों से निपटने के लिए केन्द्र की ओर 11 टीम को रवाना किया है जो कीटनाशक दवाओं के छिड़काव में लग गई हैं.
पिछले कुछ दिनों में काफी तादाद में टिड्डियां बनासकांठा, साबरकांठा, मेहसाणा, कच्छ और पाटन में प्रवेश कर गई हैं. वे सरसों, अरंडी, सौंफ, जीरा, कपास, आलू, गेहूं जैसे फसलों को नष्ट कर रही हैं. इतना ही नहीं किसानों के आंखों के सामने टिड्डियों का झुंड लहलहाती हुई फसलों पर हमला करते हैं और कुछ देर में ही किसानों की फसल को बर्बाद कर रवाना हो जाते हैं. हालात तो ऐसे हो गए हैं कि जितने टिड्डियों को मारा जा रहा है उससे ज्यादा की तादाद में हर दिन टिड्डे दिखाई दे रहे हैं.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘इस समस्या से निपटने के लिए, 11 केंद्रीय टीमें गुजरात में पहुंची है. वे हमले को रोकने के लिए कीटनाशकों के छिड़काव सहित सभी आवश्यक कदम उठाएंगी. समस्या के हल होने तक ये टीमें राज्य में रहेंगी.’
पिछले दिनों मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बुधवार को वड़ोदरा के दौरे पर कहा था कि टिड्डियों की समस्या को रोकने के लिए केंद्र द्वारा भेजी गई 11 टीमों ने काम करना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने की संभावना भी तलाश रही है.