Gujarat Exclusive > देश-विदेश > अमित शाह ने स्वीकारा, संभव है ‘गोली मारो’ और ‘भारत-पाकिस्तान मैच’ जैसे बयानों से दिल्ली में हम हारे

अमित शाह ने स्वीकारा, संभव है ‘गोली मारो’ और ‘भारत-पाकिस्तान मैच’ जैसे बयानों से दिल्ली में हम हारे

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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनावों से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा पहले गोली मार और भारत पाकिस्तान जैसे बयान खासे सुर्खियों में रहे. माना जा रहा है कि ऐसे बयान से दिल्ली चुनावों में बीजेपी को नुकसान हुआ. अब गृह मंत्री अमित शाह ने भी गुरुवार को कहा कि हाल में दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं को ‘गोली मारो’ और ‘भारत-पाकिस्तान मैच’ जैसे नफरत भरे भाषण नहीं देने चाहिए थे और संभव है कि इस तरह की टिप्पणियों से पार्टी की हार हुई.

गृह मंत्री अमित शाह ने ‘टाइम्स नाऊ’ के एक कार्यक्रम में कहा, ‘गोली मारो और भारत-पाक मैच जैसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए थे. हमारी पार्टी ने इस तरह के बयानों से खुद को अलग कर लिया है.’ एक सवाल के जवाब में शाह ने स्वीकार किया कि दिल्ली चुनावों के दौरान पार्टी के कुछ नेताओं के बयानों के कारण भाजपा को नुकसान हुआ होगा. गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली चुनावों पर उनके आकलन गलत हुए लेकिन जोर दिया कि चुनाव परिणाम संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर जनादेश नहीं था.

शाह ने कहा, ‘मैं देश की जनता से कहना चाहता हूं कि 70 वर्षों तक देश में अनेक सरकारें रही, लेकिन वो देश की अर्थव्यवस्था को 2014 तक 2 ट्रिलियन तक ही पहुंचा पाए. 2014 से 2019 तक मोदी जी के नेतृत्व में देश चला और इन 5 साल में ही देश की अर्थव्यवस्था 2.9 ट्रिलियन तक पहुंच चुकी है. मैं पूरे देश की जनता और विशेषकर SC/ST समुदाय के अपने भाई-बहनों को बताना चाहता हूं कि ये जो प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट में चर्चा में आया, वो कांग्रेस की उत्तराखंड सरकार ने किया था, भाजपा ने नहीं. आरक्षण के लिए वो स्टैंड कांग्रेस की सरकार का था, भाजपा की सरकार का नहीं.’

शाह ने कहा, ‘कश्मीर में स्थिति सामान्य है. कोई भी वहां जा सकता है. लेकिन कोई वहां भड़काने वाले भाषण करे तो सरकार को कदम उठाने पड़ेंगे. अभी कोई भी वहां जाए हम सबको परमिशन दे रहे हैं. सिर्फ वहां के कुछ नेता कुछ प्रावधानों के तहत अभी नजरबंद हैं.’ उन्होंने कहा, ‘मैं 13 साल की उम्र से राजनीति में हूं, मेरा व्यक्तिगत कुछ नहीं है, जो देश के लिए अच्छा है, वही मेरा है. 1980-81 में जब मैंने भाजपा से जुड़ा था, तो उस वक्त हमारी मात्र दो सीटें थी. आज एक लंबा सफर तय करके हम यहां पहुंचे हैं.’ उन्होंने कांग्रेस को धर्म के आधार पर विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया.