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गुजरात में शुरु हुआ एक और आंदोलन, पूर्व सैनिक सरकार पर लगा रहे बड़ा आरोप

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गुजरात की रुपाणी सरकार के खिलाफ किसान, आदिवासी, छात्रों के बाद अब पूर्व सैनिकों ने भी आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है. पूर्व सैनिक परिवार के एक सदस्‍य को सरकारी नौकरी, एक करोड़ रुपये का मुआवजा व फिक्‍स वेतन की नौकरी से मुक्ति जैसी मांगों को लेकर आज अहमदाबाद के शाहीबाग इलाके में मौजूद शहीद स्‍मारक जमा होकर धरना दिया, और अपनी मांग को लेकर गांधीनगर सचिवालय का रख किया.

मिल रही जानकारी के अनुसार गुजरात पूर्व सै‍निक संगठन की ओर से अलग-अलग मांगों को लेकर धरना व सभा का आयोजन किया गया. पूर्व सैनिक संगठन के अध्‍यक्ष जितेंद्र निमावत ने बताया कि गुजरात में पूर्व सैनिकों को भी सरकारी नौकरी में पांच साल तक फिक्‍स वेतन पर रखा जाता है. इसके अलावा पूर्व सैनिकों के पेंशन व भत्‍तों को भी नियमित रूप से नहीं बढ़ाया जाता है. संगठन की मांग है कि हर एक शहीद परिवार से एक सदस्‍य को सरकारी नौकरी दी जाए. शहीद के आश्रितों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सैनिकों के विधवाओं को भी इंसाफ नहीं मिलता एक काम के लिए उस विधवा को एक बार नहीं बल्कि कई बार सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाना पड़ता है.

आंदोलन करने वाले पूर्व सैनिकों ने कहा कि हम अपनी मांग को लेकर सचिवालय जाने के लिए रवाना हो रहे हैं. अपनी मांग को लेकर सचिवालय के अधिकारियों से बातचीत की जाएगी, अगर हमारी मांग को नहीं माना जाएगा तो आने वाले दिनों में इससे भी ज्वलंत आंदोलन किया जाएगा.