गांधीनगर: गुजरात उपचुनाव में हार के बाद बीजेपी नेता अल्पेश ठाकोर ने राधनपुर की जनता को भरोसा दिया था कि अल्पेश ठाकोर भले ही राधनपुर की जनता के भरोसे पर खरा नहीं उतर पाया लेकिन हार के बाद भी क्षेत्र में विकास का सपना पूरे करने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी. मैं समाज के लिए लड़ना जारी रखूंगा और अक्सर इलाके का दौरा कर लोगों की परेशानियों में कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ा रहुंगा. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि अल्पेश ठाकोर राधनपुर की जनता से किये गए इस वादे को भी चुनाव हारने के बाद भूल गए हों. इसी साल जुलाई महीने में कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी का दामन थामने वाले अल्पेश को मुंह की खानी पड़ी थी. और राधनपुर की जनता ने दल बदलू इस नेता हराकर कांग्रेस के उम्मीदवार रघु देसाई को कामयाब बनाया था.
हार के बाद अक्सर नेता भूल जाते हैं कि उन्होंने यहां से इलेक्शन लड़ा था क्योंकि नेता लोगों का भरोसा जीतने में कामयाब नहीं हो पाते. लेकिन अल्पेश ठाकोर ने इससे बिल्कुल हटकर दावा किया था कि वह हार के बाद भी महीने में कुछ दिन अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करेंगे और लोगों की परेशानियों को सुनकर उसे खत्म करने की कोशिश करेंगे.
राधनपुर की जनता का भरोसा जीतने में अल्पेश ठाकोर निष्फल
अल्पेश ठाकोर बीजेपी के नेता होने के बाद भी बीजेपी के अन्य नेताओं की तरह सक्रिय नहीं दिख रहे. जिससे साफ हो जाता है कि अल्पेश को एक सोची समझी साजिश के तहत हांसिये पर धकेल दिया गया है. एक वक्त के कद्दावर नेता हार के बाद सिर्फ नाम के रह गए हैं. ऐसी भी जानकारी मिल रही है अल्पेश ठाकोर के बीजेपी के साथ जुड़ने के बाद से ही बीजेरी का एक धड़ा नाराज चल रहा था. इतना ही नहीं कांग्रेस से बगावत करने की वजह से राधनपुर के लोग भी नाराज नजर आ रहे हैं नतीजा ये निकला कि अल्पेश को ना सनम ही मिला ना विशाले खुदा. राधनपुर विधानसभा सीट से करीब दो साल तक विधायक रहने वाले अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी ज्वाइन किया बीजेपी ने फिर से अल्पेश ठाकोर को इस सीट पर चुनाव लड़ने का मौका दिया, जबकि कांग्रेस ने रघु देसाई को मैदान में उतारा था. अल्पेश को ऐसा लग रहा था कि 2017 में जिस तरीके से लोगों के भरोसा को जीतने में कामयाब हुए थे वही माहौल रहेगा. लेकिन विरोध की ऐसी लहर चली की अल्पेश को बहा ले गई. ऐसी भी जानकारी मिल रही है कि राधनपुर सीट से बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री शंकर चौधरी को टिकट मिलेगा लेकिन अल्पेश ठाकोर को टिकट मिलने से चौधरी समाज के लोगों के साथ ही साथ ठाकोर समाज के लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ा.
पिछले काफी दिनों गुजरात के किसान टिड्डियों के आतंक से परेशान थे ऐसे में अल्पेश ठाकोर लोगों की शिकायत से बचने के लिए बनासकांठा का दौरा किया इस दौरान उन्होंने किसानों की चिंता और परेशानी को समझने के बजाय शराब पर बयान देकर कांग्रेस को अपने ही सरकार को घेरने का मौका दे दिया. बयान के बाद किसान भी परेशान हैं और समझने की कोशिश कर रहे हैं कि अल्पेश हमारी परेशानी को समझने आए थे या फिर शराबबंदी को लेकर बयानबाजी करने आए थे.