पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में होने वाली हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों में स्थितियां तनावपूर्ण बनी हुई हैं. दोनों देशों के बीच लगातार सैन्य स्तर पर बातचीत कर मामले की हल निकालने की कोशिश की जा रही है. इस बीच जानकारी मिल रही है कि दोनों देशों के बीच 13वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता इसी माह के दूसरे सप्ताह में होगी. वार्ता से पहले सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अगले वार्ता में आम सहमति बन जाएगी.
भारतीय सेना प्रमुख एमएम नरवणे दो दिन के दौरे पर लद्दाख पहुंचे हुए हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर हालात नियंत्रण में है. सेना प्रमुख ने आगे कहा कि चीन ने हमारे पूर्वी कमान तक पूरे पूर्वी लद्दाख और उत्तरी मोर्चे पर काफ़ी संख्या में तैनाती की है. निश्चित रूप से अग्रिम क्षेत्रों में उनकी तैनाती में वृद्धि हुई है जो हमारे लिए चिंता का विषय बना हुआ है.
लद्दाख पहुंचे सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने आगे कहा कि पिछले 6 महीनों में स्थिति काफी सामान्य रही है. हमें उम्मीद है कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में 13वें दौर की वार्ता होगी और हम इस बात पर आम सहमति पर पहुंचेंगे कि ‘डिसएंगेजमेंट’ कैसे होगा. भारत-चीन सीमा पर चल रहे गतिरोध की स्थिति पर सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने आगे कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा पर घटनाएं तब तक होती रहेंगी जब तक दोनों देशों के बीच सीमा समझौता नहीं हो जाता. चीन से बातचीत जारी है जल्द ही विवाद को सुलझा लिया जाएगा.
गौरतलब है कि भारतीय और चीनी सैनिकों में पैंगोंग सो इलाके में पिछले साल 5 मई को हिंसक झड़प हुई थी जिसके बाद से दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए थे. जिसके बाद से ही लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर गतिरोध बरकरार है. अब इस मामले को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रही है.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/mayawati-yogi-government-attack/