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आर्थर डी लिटिल का दावा, कोरोना से 12 करोड़ भारतीय हो सकते हैं गरीब, 13 करोड़ से ज्यादा बेरोजगार

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कोरोना वायरस महामारी के कारण भारत में 13.5 करोड़ लोगों की नौकरियां समाप्त हो सकती हैं और 12 करोड़ लोग गरीबी के गर्त में गिर सकते हैं. एक रिपोर्ट में यह आशंका व्यक्त की गयी है. परामर्श कंपनी आर्थर डी लिटिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस महामारी का उपभोक्ताओं की आय, उनकी बचत और खर्च पर व्यापक असर हो सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 का सबसे बुरा असर नौकरियों के नुकसान, गरीबी में बढ़ोतरी और प्रति व्यक्ति आय में गिरावट के रूप में निचले पायदान के लोगों पर पड़ेगा. इसके कारण सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में भी तेज गिरावट हो सकती है.

रिपोर्ट में कहा गया, कोरोना के मामलों की निरंतर वृद्धि को देखते हुए हमारा मानना है कि भारत में ‘डब्ल्यू-शेप्ड रिकवरी’ अर्थात आर्थिक हालत में सुधार के बाद गिरावट और फिर सुधार की अधिक संभावनाएं हैं. इसके अनुसार 2020-21 में जीडीपी में 10.8 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है और 2021-22 में जीडीपी की वृद्धि दर 0.8 प्रतिशत रह सकती है.

भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों की संख्या अब तक 90000 के पार जा चुकी है. इस महामारी के कारण अब तक देश में करीब 2800 से ज्यादा लोगों की मौत भी हो चुकी है.

35 प्रतिशत तक पहुंच सकती है बेरोजगारी दर

रिपोर्ट के अनुसार, इस महामारी के कारण भारत में बेरोजगारी की दर 7.6 प्रतिशत से बढ़कर 35 प्रतिशत तक पहुंच सकती है. इससे 13.6 करोड़ लोगों की नौकरियां समाप्त हो सकती हैं. इसके अलावा महामारी के कारण भारत में 12 करोड़ लोगों के गरीबी के मुंह में गिरने और चार करोड़ लोगों के भयानक गरीबी के शिकंजे में आ जाने की आशंकाएं हैं.

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