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NPR को तेलंगाना में रोक लगाने की मांग, सीएम चंद्रशेखर राव से मिले असदुद्दीन ओवैसी

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एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी नागरिकता संशोधन कानून का सदन में खुलकर विरोध किया था और इस कानून की कॉपी को सदन के अंदर फाड़कर अपने गुस्से इजहार किया था अभी इस कानून को लेकर होने वाला विरोध खत्म ही नहीं हुआ था कि मोदी सरकार ने एनपीआर लाकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया जहां सरकार इसे एनसीआर और सीएए से बिल्कुल अलग मान रही है वहीं विपक्ष इसे एनसीआर का पहला कदम बता रही है. एनपीआर को लेकर अपना विरोध वयक्त करने के बाद ओवैसी ने तेलंगाना में मुस्लिम संगठनों की एक इकाई के प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से मुलाकात एनपीआर को केरल की तरह ही तेलंगाना में रोक लगाने की मांग की.

बैठक खत्म होने के बाद बाहर ओवैसी ने इसे सकारात्मक बताते हुए कहा कि उन्होंने राव को बताया कि एनपीआर दरअसल राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की तरफ बढ़ने की पहली प्रक्रिया है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनके मुद्दे पर सहानुभूति प्रकट की और इस पर जवाब देने के लिए दो दिन का समय मांगा है.

हैदराबाद के लोकसभा सांसद यहां शहर के यूनाइटेड मुस्लिम एक्शन कमेटी के प्रतिनिधियों के साथ थे. एनआरसी और संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ ने शुक्रवार को एनपीआर से जुड़ी सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी. इससे पहले पश्चिम बंगाल में भी एनपीआर गतिविधि पर रोक लग चुकी है.

ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि कोई डिटेंशन कैंप नहीं बना है जबकि कर्नाटक में भी एक डिटेंशन कैंप का पता चला है और असम में यह बन रहा है. उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री, हम आपसे यह उम्मीद नहीं कर रहे थे.