ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा है कि यूएपीए (UAPA) एक खराब कानून है जिसका इस्तेमाल निर्दोष मुस्लिमों, दलितों और सरकार पर सवाल खड़े करने वालों के खिलाफ किया जाता है. हैदराबाद से सांसद ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने यूएपीए कानून को मुस्लिमों के खिलाफ बताया है.
ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने अपने ट्वीट में लिखा, “यह साफ हो चुका है कि अनलॉफुल एक्टिविटिज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) एक कठोर कानून है, जिसका इस्तेमाल सिर्फ निर्दोष मुस्लिमों, दलितों और असंतुष्टों को कैद करने के लिए किया जाता है. दशकों से मुस्लिम और दलित युवाओं पर अत्याचार करने और उन्हें कलंकित करने के लिए कट्टरपंथीकरण का इस्तेमाल किया जाता रहा है. यह विश्वास करना मुश्किल है कि अब यह ‘धर्म तटस्थ’ होने जा रहा है.”
Hindutva is built on the lie that only 1 community should’ve all political power & Muslims should’ve no right to participate in politics. Our very presence in Parliament & Assemblies is an act of defiance against Hindutva Sangh would celebrate if we simply ceased to exist one day https://t.co/rgQt8dxYh2
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 21, 2020
भाजपा नेता पर लगाए आरोप
बीजेपी पर निशाना साधते हुए ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने आगे ट्वीट में लिखा, “बीजेपी के एक केंद्रीय मंत्री ने लिंचिंग करने वालों को माला पहनाकर स्वागत किया था. आतंकवाद के मामलों में आरोपी बीजेपी की एक सांसद ने गांधी के हत्यारे के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त की.”
इससे पहले हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि हिंदुत्व संघ संसदीय राजनीति में मुस्लिमों के प्रतिनिधित्व के खिलाफ है. क्योंकि संसद और विधानसभाओं में मुस्लिम प्रतिनिधित्व ही संघ को चुनौती दे सकता है.
ओवैसी का पार्टी का बढ़ रहा दायरा
मालूम हो कि ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की अगुआई में एआईएमआईएम ने 2014 में जब हैदराबाद के दारुस्लाम (पार्टी मुख्यालय) से निकलकर महाराष्ट्र और अब बिहार की राजनीति में अपनी बैठ बना चुकी है. 2019 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में औरंगाबाद की सीट और फिर विधानसभा चुनाव में दो सीटें जीतकर ओवैसी की पार्टी ने प्रदेश में एक बार फिर अपनी मौजूदगी का अहसास कराया. अब बिहार में उसके प्रदर्शन ने एआईएमआईएम और ओवैसी को मौजूदा राजनीतिक बहस के केंद्रबिंदु में ला दिया है.