लखीमपुर खीरी हिंसा कांड के मुख्य आरोपी केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को बीते दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. हाईकोर्ट इस फैसले के खिलाफ अब हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मृतक किसानों के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत के फैसले को चुनौती दी है.
मृतक किसानों के परिजन अपनी याचिका में दावा कर रहे हैं कि हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए आशीष मिश्रा के खिलाफ सबूतों पर गौर नही किया है. गौरतलब है कि इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने भी आशीष मिश्रा की जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी दिखाई थी.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच राकेश टिकैत ने कहा था कि लखीमपुर खीरी कांड की पूरे देश ने आलोचना की है. इतने जघन्य अपराध में शामिल होने के बावजूद आशीष मिश्रा को गिरफ्तारी के महज तीन महीने बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया है. हर कोई उन्हें जेल से छूटते हुए देख रहा है. यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि यहां तानाशाही सरकार है.
घटना पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई थी, जिसमें किसानों पर कार चढ़ा दी गई थी. किसान दावा कर रहे हैं कि इस मामले में केंद्रीय मंत्री का बेटा आशीष मिश्रा शामिल था.
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