अनब्रांडेड प्री-पैकेज्ड और प्री लेबल आटा, दाल, दही, गुड, दही, पनीर, लस्सी जैसे रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर आज से जीएसटी देना होगा. इससे जरूरी सामानों के दाम बढ़ गए हैं. रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाली चीजों पर जीएसटी लगाने के खिलाफ जहां एक तरफ देश के व्यापारी विरोध कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस भी इस फैसले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने टीएसटी के दरों में बदलाव को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है. गहलोत ने कहा कि आटा, दाल, गेहूं देश में बन रहे हैं तो ये नौबत (GST लगाने की) नहीं आनी चाहिए. मंडियां बंद करने की नौबत आ गई है. GST के नाम पर अगर आप ऐसे फैसले लेंगे तो ये अच्छा नहीं है. इतने सालों से सरकार GST में बदलाव कर रही है, ऐसा नहीं होना चाहिए.
इसके अलावा गहलोत ने कहा कि UPA सरकार ने जब GST का प्रस्ताव दिया था तब एक टैक्स की बात थी. पहले ही महंगाई ज्यादा है, ये गरीब ही समझ सकता है अमीर को इससे फर्क नहीं पड़ता. खाने पीने की आम वस्तुओं पर GST लगाना सही नहीं है. मोदी सरकार टैक्स लगाकर गरीबों का निवाला छीन रही है. जनता को राहत देने के लिए इसे वापस लेना चाहिए.
इससे पहले राजस्थान के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने पर मोदी सरकार को निशाने पर लिया था. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब आटा, दाल, मैदा और अन्य सामग्री जो एक आम आदमी इस्तेमाल करता है उस पर भी टैक्स लगा दिया. आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब आटे पर टैक्स लगाया गया है.
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