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पायलट निकम्मे और नाकारा, लेकिन मैं यहां बैंगन बेचने नहीं आया: अशोक गहलोत

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राजस्थान की सियासी ड्रामा अब गंभीर आरोपों के दौर में पहुंच गया है. लगातार राजस्थान की गहलोत सरकार कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट पर हमले बोल रही है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर सचिन पायलट पर शाब्दिक हमला बोला है. सोमवार को अशोक गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट ने कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है, उन्हें काफी कम उम्र में बहुत कुछ मिल गया था. सीएम ने पायलट को निकम्मा और नाकारा जैसे उपमाओं से संबोधित किया.

सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि हमने कभी सचिन पायलट पर सवाल नहीं किया. सात साल के अंदर एक राजस्थान ही ऐसा राज्य है जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की मांग नहीं की गई. हम जानते थे कि वो निकम्मे थे, नाकारा थे लेकिन मैं यहां बैंगन बेचने नहीं आया हूं, मुख्यमंत्री बनकर आया हूं. हम नहीं चाहते हैं कि उनके खिलाफ कोई कुछ बोले, सभी ने उनको सम्मान दिया है.

10 मार्च को होना था खेल

गहलोत ने पायलट पर आरोप लगाया कि ये जो खेल अभी हुआ है, वो 10 मार्च को होना था. 10 मार्च को मानेसर गाड़ी रवाना हुई थी, लेकिन तब हमने उस मामले को सभी के सामने लाए. अशोक गहलोत ने कहा कि वो कांग्रेस का अध्यक्ष बनना चाहते थे, बड़े-बड़े कॉरपोरेट उनकी फंडिंग कर रहे हैं. बीजेपी की ओर से फंडिंग की जा रही है, लेकिन हमने सारी साजिश फेल कर दी. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश में गुंडागर्दी हो रही है, मनमर्जी के हिसाब से छापे मारे जा रहे हैं. मुझे दो दिन पहले ही पता लग गया था कि मेरे करीबियों के छापे पड़ेंगे. अशोक गहलोत ने दावा किया कि आज सचिन पायलट के समर्थन में जितने वकील केस लड़ रहे हैं, सभी महंगी फीस वाले हैं तो उनका पैसा कहां से आ रहा है. क्या सचिन पायलट सभी पैसा दे रहे हैं?

हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई

मालूम हो कि बागी विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिस पर राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान राजस्थान विधानसभा के स्पीकर का प्रतिनिधित्व कर रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि स्पीकर के आदेश को केवल सीमित आधार पर चुनौती दी जा सकती है, लेकिन याचिका में उन आधारों का जिक्र नहीं है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता कर रही है.

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बागी तेवर अपनाने के बाद कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी. बैठक में शामिल न होने पर पायलट गुट के विधायकों पर व्हिप उल्लंघन करने को लेकर कार्रवाई हुई. राज्य विधानसभा अध्यक्ष ने बैठक में अनुपस्थित पायलट समेत 19 विधायकों को सदस्यता खत्म करने को लेकर नोटिस जारी किया था. इसके खिलाफ बागी विधायक हाई कोर्ट चले गए जिस पर सुनवाई चल रही है.

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