गांधीनगर: गुजरात बीजेपी अध्यक्ष जीतू वाघाणी का कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो चुका है. ऐसे में नये प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति गुजरात बीजेपी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. पार्टी में इस बात को लेकर खलबली मची हुई है कि नये अध्यक्ष के रूप में बीजेपी की कमान कौन संभालेगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह का राज्य होने के साथ ही साथ वर्तमान भाजपा का गर्भगृह भी गुजरात ही है. पूर्व अध्यक्ष जीतू वाघाणी की नियुक्ति मन मुताबिक फलदायी नहीं रही. ऐसे में नये अध्यक्ष की नियुक्ति से पहले काफी सावधानी बरती जा रही है, लेकिन वर्तमान में गुजरात भाजपा की आंतरिक स्थिति ऐसी भी नहीं है कि सीधे रास्ते से किसी योग्य व्यक्ति की नियुक्ति कर दी जाए.
गुजरात एक्सक्लूजिव को मिली जानकारी के अनुसार, गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष के रूप में गौण सेवा पसंदगी मंडल के अध्यक्ष असित वोरा की नियुक्ति का फैसला हाईकमान के द्वारा लिया जा चुका है, लेकिन बीजेपी संगठन के विभिन्न समूह इस फैसले से खुश नहीं हैं. संगठन में सक्रिय गुट को यह मालूम है कि असित वोरा उस समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिपोर्ट करते हैं जब वह मणिनगर से विधायक हुआ करते थे. असित वोरा की छाप भाजपा संगठन में पीएम नरेन्द्र मोदी के भरोसेपात्र के साथ ही साथ गुटबाजी से दूर रहने वाले व्यक्ति के रूप में है. इसलिए असित वोरा के नये अध्यक्ष बनने से अलग-अलग गुटों से जुड़े लोगों को परेशानी होगी ये कहना कोई गलत नहीं होगा. यदि असित वोरा गुजरात बीजेपी के नये अध्यक्ष बनते हैं तो बहन हो या फिर भाई के गुट, उत्तर गुजरात हो या सौराष्ट्र के गुट से तमाम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इसी वजह से असित वोरा की नियुक्ति को लेकर बीजेपी में अंदरखाने खलबली मची हुई है एंव नये अध्यक्ष की ताजपोशी में देरी भी हो रही है.
असित वोरा 2010 से 2013 तक अहमदाबाद नगर निगम के महापौर रह चुके हैं. वह वर्तमान में गौण सेवा पसंदगी मंडल के अध्यक्ष रुप में अपने सेवा दे रहे हैं. वोरा शुरू से ही भाजपा के साथ जुड़े हैं. भाजपा के “फॉर्च्यूनर टाइप” कार्यकर्ता के बजाय उन्होंने हमेशा खुद को एक साधारण भाजपा कार्यकर्ता के रूप में रखा है. वह फिलहाल भले ही गौण सेवा पसंदगी मंडल के अध्यक्ष हैं लेकिन अरविंद मिल में उनकी नौकरी अभी भी जारी है. असित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी और भरोसेपात्र व्यक्तियों में एक हैं, बावजूद इसके उन्होंने कभी ये दिखाने की कोशिश नहीं किया कि वह “प्रधानमंत्री के खास” हैं. ऐसे जमीन से जुड़े हुए असित वोरा की अगर गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति होती है तो सभी को तकलीफ होने की उम्मीद जताई जा रही है.
गुजरात एक्सक्लूजिव के हाथों लगी जानकारी के अनुसार, असित वोरा की नये अध्यक्ष के रूप में होने वाली नियुक्ति को रोकने के लिए ही गौण सेवा पसंदगी मंडल के परीक्षा विवाद को खड़ा किया गया था. गांधीनगर में, बिन सचिवालय कलार्क परीक्षा के आंदोलन एंव परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर ऐसा माहौल तैयार किया गया कि इस पूरे मामले के वही जिम्मेदार हों. इतना ही नहीं बिन सचिवालय परीक्षा में होने वाली नकल की वीडियो क्लिप भी बीजेपी के आला नेताओं के तरफ से लीक करवाए जाने की बात सामने आ रही है.
बीजेपी आलाकमान बिन सचिवालय परीक्षा विवाद के बावजूद असित वोरा को नये प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए आज भी तैयार है. लेकिन संगठन के अलग-अलग गुट का विरोध भी चालू है. एक गुट पूर्व गृहमंत्री रजनी पटेल को नया अध्यक्ष बनाना चाहता है तो, तीसरा दलित नेता रमण लाल वोरा के नाम को आगे बढ़ा रहा है.