ढाका: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंगलवार को गृह मंत्री को धर्म के नाम पर हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं शेख हसीना ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि बिना तथ्यों की जांच के सोशल मीडिया कंटेंट पर भरोसा बिल्कुल भी न करें.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि घरेलू तत्व जिन्होंने 50 साल पहले पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी का विरोध किया था, वे अब भी हिंसा भड़काने के लिए घृणित भड़काऊ बयान दे रहे हैं.
बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले पिछले बुधवार से बढ़ गए हैं. इससे पहले दुर्गा पूजा समारोह के दौरान सोशल मीडिया पर एक कथित रूप से अपमानजनक पोस्ट देखा गया था. भीड़ ने रविवार देर रात बांग्लादेश में 66 घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया और कम से कम 20 घरों में आग लगा दी.
ढाका ट्रिब्यून अखबार कैबिनेट सचिव खंडकर अनवरुल इस्लाम के हवाले से कहा कि मंगलवार को कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक के दौरान प्रधानमंत्री हसीना ने गृह मंत्री असदुज्जम खान को हिंसा भड़काने के लिए धर्म का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.
गौरतलब है कि इससे पहले बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ढाकेश्वरी मंदिर में होने वाले पूजा में वर्चुअली हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने कहा कि आप समान अधिकारों के साथ रहते हैं. इस देश में आपको समान अधिकार मिलेगा. आप अपने धर्म का पालन करेंगे और समान अधिकार के साथ त्योहार मनाएंगे. यह हमारे बांग्लादेश और हमारे आदर्श की वास्तविक नीति है. मैं आपसे फिर से आग्रह करता हूं कि आप कभी भी खुद को अल्पसंख्यक न समझें. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने दावा किया कि कामिला और अन्य स्थानों पर मंदिरों और दुर्गा पूजा पंडालों में हिंसा और तोड़फोड़ में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अलग-अलग हमलों में हिंदू समुदाय के छह सदस्य मारे गए हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर इस आंकड़े की पुष्टि नहीं हुई है. गृह मंत्री ने कहा, “कोमिल्ला घटना की जांच की जा रही है.” उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय आरोपियों को न्याय दिलाने के लिए काम कर रहा है.
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