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“बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और बेटी बढ़ाओ” गुजरात सरकार में प्रति 4 पुरुष IAS के मुकाबले एक महिला अधिकारी

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हितेश चावड़ा, गांधीनगर: गुजरात सरकार जहां सालों से महिला सशक्तीकरण की बात कर रही है, वहीं एक चौकाने वाला सच यह भी सामने आया है, राज्य सरकार की (IAS)प्रशासनिक सेवा सेवाओं में शामिल होने वाली नौकरशाहों की सूची में महिला अधिकारियों की संख्या बहुत कम है, हर 4 पुरुष अधिकारी के सामने एक महिला है. इतना ही नहीं गुजरात सरकार कई अहम विभागों से महिला आईएएस अधिकारियों को दूर रखा गया है. महिला अधिकारियों को बोर्ड-निगम ,स्वास्थ्य-शिक्षा जैसे विभाग की जिम्मेदारी दे दी जाती है. कई मामलों में तो इन महिला अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली भेज कर गुजरात सरकार अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेती है.

गुजरात सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के पर्सनल डिविजन की वेबसाइट पर उपलब्ध IAS अधिकारियों के विवरण के अनुसार, गुजरात राज्य में भारतीय प्रशासनिक सेवा के गुजरात कैडर के 243 अधिकारी राज्य, केंद्र या फिर विदेश में कार्यरत हैं. जिसमें महिला अधिकारियों की संख्या केवल 52 है. ये आकड़ा चौंकाने वाला इसलिए है कि जब राज्य के प्रशासन की जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारियों में महिलाओं की संख्या ना के बराबर है तो, फिर सवाल ये उठता है कि अन्य स्थानों पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व कितना होगा? ये मुद्दा गंभीर इसलिए भी है कि GAS(गुजरात प्रशासनिक सेवा) यानी गुजरात सरकार के कार्यक्षेत्र में पदोन्नति लेकर आईएएस बनाने वाले 55 अधिकारियों में से सिर्फ एक महिला अधिकारी, बीआर दवे हैं. जिन्हें एचएएल एडिशनल कमिशनर-रुरल डेवलपमेंट विभाग में नियुक्त किया गया है.

प्रमोशन से केवल एक ही IAS महिला अधिकारी

आंकड़े के अनुसार, 243 IAS अधिकारियों में केवल 51 + 1 महिला अधिकारी हैं. यानी 4 पुरुष IAS अधिकारी के मुकाबले एक महिला अधिकारी है. राज्य में 4 पुरुष IAS अधिकारी के मुकाबले मात्र एक महिला आईएएस अधिकारी प्रशासनिक सेवा की जिम्मेदारी निभा रही है. वर्तमान में गुजरात में 243 IAS अधिकारी हैं, जिनमें से 55 अधिकारी GAS (गुजरात प्रशासनिक सेवा) से पदोन्नति पाकर IAS बने हैं. जबकि अन्य अधिकारी UPSC के माध्यम से IAS गुजरात कैडर के (RR) के अधिकारी हैं.

गुजरात सरकार में वरिष्ठ दस IASअधिकारियों में केवल 1 महिला अधिकारी “संगीता सिंह” हैं. संगीता सिंह 1986 आरआर बैच की अधिकारी हैं और वर्तमान में गुजरात सरकार के गृह विभाग के एसीएस-अतिरिक्त प्रधान सचिव हैं.

सर्वोच्च सेवा पद से वंचित महिला अधिकारी

महिला सशक्तीकरण और महिलाओं के मामले को लेकर संवेदनशील होने का दावा कर रही गुजरात सरकार महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व क्यों नहीं दे सकने में सक्ष्म है या विचार करने वाली बात है. इतना ही नहीं गुजरात में IAS जैसे सर्वोच्च सेवा पद पर मौजूद महिला अधिकारियों को मुख्य विभागों में जगह क्यों नहीं दी जाती है, ये मामला अपने आपमें चिंताजनक है एंव कई सवाल खड़ा कर रहा है.

इस अत्यंत संवेदनशील मुद्दे पर कोई भी महिला अधिकारी बोलने के लिए तैयार नहीं है लेकिन एक महिला आईएस अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर कहती है, “सरकार किसी को भी यूपीएससी में जाने से रोकती नहीं, जिसका चयन होता है उन्हें नौकरी तो मिलती ही है. जबकि राज्य कैडर की महिलाओं के लिए प्रमोशन के जरिए आईएस बनना आसान नहीं और प्रोस्टिंग में भी महिलाओं को कभी-कभार समान अवसर नहीं मिलता”.

महिला अधिकारियों के साथ अन्याय?

गुजरात सरकार में फिलहाल 1988 बैच की अनुराधा मल जीएसडीएमए, की सीईओ के तौर पर,1988 बैच की अनीता करवाल सीबीएसई चेयरमैन के रुप में, 1989 बैच की सुनईया तोमर पोर्ट्स और परिवहन सरकार की प्रमुख सचिव, 1991 बैच के डॉक्टर जयंति राव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव, 1991 बैच की अंजू शर्मा उच्च और टेक्निकल प्रमुख सचिव, 1994 बैच की वत्सला वासुदेव GIPC की एमडी के रूप में, 1994 बैच डी तारा दिल्ली प्रतिनियुक्ति पर , 1996 बैच के मोना कंधार टोक्यो प्रतिनियुक्ति पर, 1996 बैंच की ममता वर्मा उद्योग और खान सचिव के रूप में,1997 बैंच की शाहमीना हुसैन गुजरात ऊर्जा विकास निगम की एमडी के रूप में, 1997 बैंच की सोनल मिश्रा जीएसआरटीसी की एमडी के रुप में, 2001 बैंच की आरती कंवर दिल्ली गुजरात की रेजिडेंट कमिश्नर के रूप में, 2003 की डॉ संध्या बुल्लर दिल्ली प्रतिनियुक्ति पर ,2003 बैंच की अवंतिका सिंह विदेश में दीर्घकालिक अध्ययन के लिए, 2004 बैच की मनीषा चंद्रा महिला और बाल विकास विभाग में सचिव के रुप में 2004 बैंच की पोगुमतला भारती सर्व शिक्षा अभियान की स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर नियुक्त किया गया है. इन महिला अधिकारियों को वित्त, राजस्व, शहरी विकास और सीएमओ जैसी जगहों पर नियुक्त क्यों नहीं किया जाता? क्या राज्य सरकार को इस मुद्दे कोई ध्यान ही नहीं आता?

फिलहाल गुजरात में IAS कैडर की स्थिति:

राज्य में फिलहाल 243 जितने आईएएस अधिकारी होने के बावजूद एक जानकारी के अनुसार 43 आईएएस अधिकारियों डिपार्टमेंट खाली है बावजूद इसके केंद्र सरकार प्रतिनियुक्ति पर गुजरात के अधिकारियों को दिल्ली बुला रही है. 28 नवंबर, 1984 आरआर बैंच के अनिल मुकीम को दिल्ली बुलाया गया था लेकिन अब उन्हे एक बार फिर गुजरात बुलाया गया है वह आज से राज्य के मुख्य सचिव के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों को निभाने लगे हैं.

https://archivehindi.gujaratexclsive.in/ias-anil-mukim-to-replace-jn-singh-as-gujarats-next-chief-secretary/