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किसानों ने 25 सितंबर को भारत बंद का किया ऐलान, पंजाब में शुरू हुआ रेल रोको आंदोलन

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  • कृषि बिल का गरहाता जा रहा है विवाद
  • किसानों ने 25 सिंतबर को भारत बंद का किया ऐलान
  • पंजाब में किसानों ने आज से शुरू किया रेल रोको आंदोलन
  • किसान संगठन इस बिल को बता रहे हैं किसान विरोधी

किसानों के विरोध और विपक्ष के हंगामे के बावजूद लोकसभा और राज्यसभा में किसान बिल पास हो चुका है.

कृषि से जुड़े तीन अहम बिल को खारिज करने की मांग को लेकर कल विपक्षी दल के नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात भी की थी.

इस बीच जानकारी आ रही है कि किसानों ने 25 तारीख यानी कल भारत बंद का ऐलान किया है. किसानों के ऐलान में देश के अलग-अलग किसान संगठनों का समर्थन मिल रहा है.

किसान विरोधी है कृषि बिल

केंद्र सरकार जहां इस बिल को लेकर दावा कर रही है कि इससे किसानों को फायदा मिलेगा वहीं किसानों का दावा है कि यह बिल किसान विरोधी है.

किसान संगठन से जुड़े लोग इस विधेयक को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. साथ ही साथ दावा कर रहे हैं कि इससे कॉरपोरेट से जुड़े लोगों को फायदा पहुंचेगा.

किसानों का कहना है कि बिल लाने से पहले सरकार ने किसान संगठनों से चर्चा नहीं किया था.

किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने के लिए कानूनी प्रावधान करने की मांग कर रहे हैं.

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पंजाब में किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन

कृषि बिल का सबसे पहले और सबसे ज्यादा विरोध पंजाब में हुआ था. लेकिन अब पंजाब किसान संगठन से जुड़े लोगों ने राज्य में रेल रोको आंदोलन शुरू किया है.

यह आंदोलन 24 तारीख से लेकर 26 तारीख तक चलाया जाएगा. किसानों के रेल रोको आंदोलन के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई है.

वहीं रेलवे विभाग ने आंदोलन को लेकर कई जगहों पर ट्रेन को रद्द करने का फैसला किया है. मिल रही जानकारी के अनुसार किसान फिरोजपुर, अमृतसर, जालंधर, पठानकोट रेलवे स्टेशनों पर ट्रेन रोकने की कोशिश करेंगे. राज्य सरकार ने विरोध करने वाले किसानों पर नरव रवैया अख्तियार करने का निर्देश दिया है.

विपक्ष मुखर होकर कर रही है विरोध

कृषि से जुड़े तीन विधेयकों राज्यसभा और लोकसभा में पास हो चुका है. इस बिल के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाने वालों में सबसे पहला नाम एनडीए की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल का है.

लोकसभा में बिल पास होने के फौरन बाद मोदी मंत्रीमंडल में शामिल हरसिमरत कौर ने इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के साथ ही साथ अन्य विपक्षी दल भी इस बिल का विरोध कर रहे हैं.

राज्यसभा में बिल पर चर्चा के दौरान हंगामा करने वाले 8 सांसदों को रविवार को सस्पेंड भी कर दिया गया था.

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