संघ मुख्यालय के निकट नागपुर में रेशीमबाग मैदान में कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने ‘मनुवाद’ को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध की मांग की. भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को उनके संगठन के ‘मनुवादी’ एजेंडे के वास्तविक जनसमर्थन को परखने के लिए सीधे चुनाव लड़ने की चुनौती दी.
आजाद ने कहा, ‘मैं संघ प्रमुख को एक सुझाव देना चाहता हूं…झूठ का मुखौटा उतारिए और मैदान में आइए. यह लोकतंत्र है…अपने एजेंडे के साथ सीधे चुनाव लड़िए और लोग आपको बता देंगे कि देश ‘मनुस्मृति’ से चलेगा या संविधान से.’उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून(सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) संघ का ‘एजेंडा’ हैं.
इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने भीम आर्मी को कुछ शर्तों के साथ रेशीमबाग में सभा करने की इजाजत दे दी थी. वहीं कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर आशंका जताते हुए स्थानीय पुलिस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था. नागपुर पुलिस की मंशा के संदर्भ में आजाद ने कहा कि दो विचारधाराओं में हमेशा संघर्ष होता है.
आजाद ने कहा, ‘हम जहां संविधान में विश्वास रखते हैं, वे ‘मनुस्मृति’ को मानते हैं. यह देश सिर्फ संविधान से चलता है और किसी अन्य विचारधारा से नहीं. अगर देश में संघ पर प्रतिबंध लगाया जाता है तो ही देश में ‘मनुवाद’ खत्म होगा.’उन्होंने कहा क्योंकि संघ बीजेपी को चलाता है, इसलिये प्रधानमंत्री हाथ जोड़कर संघ प्रमुख से मिलते हैं और उन्हें जानकारी देते हैं. उन्होंने आरोप लगाया, ‘वह संविधान की बात करते हैं लेकिन मनुस्मृति के एजेंडे को बढ़ावा देते हैं.’आजाद ने संघ पर पिछले दरवाजे से आरक्षण व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास करने का भी आरोप लगाया.
आजाद ने कहा, ‘हमारे लोगों को अब भी कोई पद (सरकारी नौकरी में) मिलना बाकी है…एक दिन, हमारा प्रधानमंत्री होगा और अन्य राज्यों में हमारी सरकारें होंगी. हम आपको आरक्षण देंगे. हम समाज के अन्य वर्गों को आरक्षण देंगे. हम देने वाले बनेंगे लेने वाले नहीं.’