कोरोना महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन में प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में फंसे गैर राज्यों के मजदूरों के लिए बड़ा ऐलान किया है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गैर राज्यों के फंसे प्रवासी मजदूरों को एक-एक हजार रूपये और 15 दिनों का मुफ्त राशन देने का ऐलान किया है.
यूपी की योगी सरकार सरकार लॉकडाउन में गैर राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस उनके घर ला रही है. यूपी सरकार अपने राज्य के लगभग 10 लाख मजदूरों को एक-एक हजार रूपए तथा 15 दिन का राशन मुफ्त भी सरकार मुहैया कराने जा रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी के हर जिले में कम से कम 15 हजार प्रवासी मजदूरों को ठहराने की व्यवस्था की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी मजदूरों के आश्रय स्थलों से ही उनका पंजीकरण करवाने का आदेश दिया है ताकि इन मजदूरों को सीधे उनके खातों में रुपये ट्रांसफर किए जा सकें.
वहीं गैर राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के मजदूरों को वापस लाने और उन्हें क्वेरेंटीन करने के लिए मुख्य अपर सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने शासना आदेश जारी कर दिया है. रेणुका कुमार ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों के बड़ी संख्या में बहुत जल्दी ही प्रदेश में वापस लाने की संभावना है. उन्होंने आगे कहा कि इस संभावना को ध्यान में रखते हुए यह तैयारी की जा रही है. अन्य राज्यों से अपने गृहराज्य उत्तर प्रदेश में वापसी करने के बाद इन मजदूरों को 14 दिनों तक क्वेरेंटीन करने के लिए अस्थाई आश्रय स्थल बनाने और उनके भोजन के साथ अन्य इंतजाम जिलों के डीएम करेंगे.
इन क्वेरेंटीन कैंप में रहने वाले मजदूरों के खातों में भी पैसे भेजे जाएंगे. वैसे तो इन जिलों में 15 हजार मजदूरों के ठहराने का इरादा है लेकिन पूर्वांचल के कुछ जिलों में मजदूरों की संख्या ज्यादा होने की वजह से 15 हजार से ज्यादा मजदूरों को भी ठहराया जा सकता है.
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