आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को चुनौती देने वाले महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का आज पटना में निधन हो गया. वह लम्बे समय से बीमारी और सिजोफ्रेनिया से पीड़ित थे. उनकी मौत की खबर आने के बाद जहां उनके परिवार में मातम का माहौल छाया हुआ है वहीं पूरे बिहार में गम का माहौल छा गया है. 74 साल के वशिष्ठ नारायण सिंह की मौत पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त किया है.
आइंस्टीन को चुनौती देने वाले महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह पटना के कुल्हरिया काम्पलेक्स में अपने परिवार के साथ रहते थे. उनकी तबीयत अचानकर खराब होने के बाद परिजन उन्हें पीएमसीएच लेकर गए, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्रद्धांजलि आर्पित करते हुए कहा कि वह इस निधन से दुखी हैं. वह बेहद सम्मानित सज्जन थे.
आइंस्टीन के सिद्धांत को चुनौती
गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह ने महान वैज्ञानिक आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को चुनौती दी थी. उनके बारे में मशहूर है कि नासा में अपोलो की लांचिंग से पहले जब 31 कंप्यूटर कुछ समय के लिए बंद हो गए तो कंप्यूटर ठीक होने पर उनका और कंप्यूटर्स का कैलकुलेशन एक जैसा ही था. पटना साइंस कॉलेज में पढ़ाई के दौरान कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जॉन कैली की नजर महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह पर पड़ी और उन्होंने उनकी प्रतिभा को पहचाना. 1965 में वह अमेरिका चले गए. गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह ने 1969 में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की. इसके बाद वह वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर बन गए. वशिष्ठ नारायण ने नासा में भी काम किया, लेकिन वह 1971 में भारत लौट आए.
भारत लौटने के बाद वशिष्ठ नारायण ने आईआईटी कानपुर, आईआईटी बंबई और आईएसआई कोलकाता में नौकरी की. 1973 में उनकी शादी हो गई. शादी के कुछ समय बाद वह मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया से पीड़ित हो गए. इस बीमारी से ग्रसित होने के बाद उनकी पत्नी ने उनसे तलाक ले लिया