आरजेडी के एमएलसी और बिहार सरकार में कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर राज्य में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. कार्तिकेय सिंह के खिलाफ किडनैपिंग के मामले में अरेस्ट वारंट जारी हुआ था. उनको मंगलवार को कोर्ट में पेश होना था. लेकिन वह उसी दिन बिहार में हुए कैबिनेट विस्तार में मंत्री पद की शपथ ली. इस मामले को लेकर भाजपा नीतीश सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रही है.
भाजपा सांसद सुशील मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार के क़ानून मंत्री कार्तिकेय सिंह पर 2014 में अपहरण का मामला दर्ज़ है जिसको उन्होंने अपने हलफनामे में भी स्वीकार किया है उसी मामले में इनको 16 अगस्त को आत्मसमर्पण करना था लेकिन वे शपथ लेने चले गए. यह सब मुख्यमंत्री की जानकारी में था.
बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर जारी वारंट पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा कि मुझे इस बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है.
विपक्ष द्वारा कार्तिकेय सिंह को बर्खास्त करने की मांग पर बिहार के कानून मंत्री और राजद नेता कार्तिकेय सिंह ने कहा कि हलफनामा सभी मंत्री, विधायक सब देते हैं, इसमें ऐसी कोई बात नहीं है. वहीं इस मामले को लेकर आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने कहा कि सुशील मोदी झुठा आदमी है. ऐसा कोई मामला नहीं है.
कार्तिकेय सिंह के वकील मधुसूदन शर्मा के मुताबिक जिस मुकदमे के बारे में कहा जा रहा है कि अपहरण के मामले में कार्तिकेय सिंह फरार चल रहे हैं, वो बिल्कुल बेबुनियाद है. उस मुकदमें के FIR में वे अभियुक्त नहीं हैं. उनके खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला है, पुलिस ने उन्हे निर्दोष बताया है.
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