बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट में बीते दिनों तृणमूल नेता की हत्या के बाद कथित रूप से भीड़ द्वारा घरों में आग लगाने से 8 लोगों की मृत्यु हो गई थी. इस मामले को लेकर सियासी बयानबाजी जारी है. ममता ने आज हिंसा पीड़ितों से मुलाकात कर मुआवाजे का ऐलान किया. उनके इस ऐलान पर भाजपा नेताओं ने पलटवार किया है.
पश्चिम बंगाल BJP अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा कि CM ममता बनर्जी जी को पहले आना चाहिए था. पश्चिम बंगाल के इतिहास में कभी ऐसा कुछ नहीं हुआ, ये मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है. ममता बनर्जी परिवार के लोगों को नौकरी और पैसा देकर खरीदना चाहती हैं. उनके हाथों से कानून व्यवस्था निकल चुकी है.
इसके अलावा भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा कि घटना को चार दिन हो गए और CM ममता बनर्जी आज घटनास्थल पर पहुंचीं. जब तूफान आता है तो पीएम मोदी दूसरे दिन ही दिल्ली से बंगाल पहुंच जाते हैं और अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं और मुख्यमंत्री को घटनास्थल पर जाने में चार दिन लग गए? इसके लिए क्या राज्यपाल जिम्मेदार हैं? जब इनके पास कोई मुद्दा नहीं रहता तब वो राज्यपाल के पीछे पड़ जाते हैं.
वहीं इस मामले को लेकर भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोगों को बोलने की आजादी नहीं है और जो सरकार के खिलाफ बोलता है उसकी हत्या कर दी जाती है. पश्चिम बंगाल में कोई भी कानून व्यवस्था नहीं है. अगर परिस्थितियां ऐसी ही बिगड़ती हैं तो हम राष्ट्रपति शासन की मांग करेंगे. ये हत्याएं (बीरभूम हिंसा) सरकार के तत्वावधान में हो रही हैं. लोग दहशत के माहौल में जी रहे हैं.
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