भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आर्थिक आपातकाल लगाने की आशंकाओं को एक बार फिर उठाया है. कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर अर्थव्यवस्था की समस्याओं को देखते हुए शनिवार को एक ट्वीट में सरकार से सवालिया अंदाज में पूछा, “क्या देश में अब आर्थिक आपातकाल की घोषणा जरूरी हो गई है. सरकार को खुद आगे आ कर सभी शंकाओं को दूर करना चाहिए.” इससे पहले एक ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की कि कोरोना वायरस से आए स्लोडाउन से निपटने के लिए उन्हें आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए.
स्वामी ने पीएम को लिखी चिट्ठी में कहा, “17 देशों और 2 अंतरराष्ट्रीय बैंकों के प्रावधानों के अनुसार कोरोना वायरस की इस स्टेज में आर्थिक राहत पैकेज काफी जरूरी है. पांच पन्नों की चिट्ठी में उन्होंने बताया कि अमेरिका ने एक ट्रिलियन डॉलर के राहत पैकेज का ऐलान कर दिया है. इसे फेज 3 नाम दिया गया है. इसके तहत एयरलाइन इंडस्ट्री के लिए 50 अरब डॉलर का बेलआउट दिया गया है वहीं छोटे कारोबार और खर्चों के लिए 500 अरब का बेलआउट दिया जाएगा. इसके अलावा करोड़पतियों-अरबपतियों को छोड़कर डायरेक्ट पेमेंट के तौर पर अमेरिकियों को 1000 डॉलर की मदद दी जाएगी.
स्वामी ने अमेरिका के अलावा फ्रांस, चीन, ब्रिटेन, कनाडा, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंडोनेशिया, हॉन्गकॉन्ग, यूएई, थाईलैंड, मलेशिया, सऊदी अरब, यूरोपियन कमर्शियल बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के राहत पैकेजों के बारे में भी जानकारी दी.
स्वामी इससे पहले भी सरकार को कोरोनावायरस से निपटने के लिए सलाह दे चुके हैं. हाल ही में उन्होंने कहा था, “कोरोना वायरस के चलते डिमांड की समस्या काफी बढ़ गई है. भारत में कर्मचारियों की छंटनी हो रही हैं. तो ऐसे में कैसे ये कर्मचारी और अपंग हो चुके बिजनेस कैसे बैंक लोन चुका पाएंगे? भारत को इस साल के अंत तक सभी बैंक लोन के प्रिंसिपल और ब्याज के भुगतान को रद्द करने की जरूरत है.
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