मोदी सरकार द्वारा लागू तीनों कृषि कानून के खिलाफ जारी आंदोलन के दौरान बीते दिनों गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में होने वाली हिंसा के बाद एक वक्त ऐसा भी आया था. जब लोग कहने लगे थे कि अब किसानों का आंदोलन जल्द ही खत्म हो जाएगा. लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत के आंसू ने ऐसा कमाल किया कि आंदोलन एक बार फिर से जीवित हो गया. उसके बाद से आंदोलन राकेश टिकैत के इर्द-गिर्द नजर आ रहा है. टिकैत किसानों को एकजुट करने के लिए महापंचायत में हिस्सा लेकर नई रणनीति बना रहे हैं.
भाजपा लगातार विपक्ष पर आरोप लगा रही है कि किसानों को गुमराह किया जा रहा है. वहीं कुछ भाजपा नेता लगातार किसानों के आंदोलन को लेकर विवादित बयान भी दे रहे हैं. विवादित बयान देने वाले नेताओं में एक नया नाम जुड़ गया है. उत्तर प्रदेश के बहराइच से भाजपा सांसद अक्षयवर लाल गोंड ने किसान नेता राकेश टिकैत को “डकैत” करार देते हुए आरोप लगाया कि किसान आंदोलन को एक्टिव रखने के लिए विदेश से फंडिंग मिल रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार योगी सरकार के साढ़े चार साल का शासन पूरा होने के मौके बहराइच में पत्राकरों को संबोधित करते भाजपा सांसद अक्षयवर लाल गोंड ने कहा कि विरोध प्रदर्शन करने वाले किसान नहीं है बल्कि वह राजनीतिक दल से जुड़े लोग हैं जो सिखिस्तान और पाकिस्तान से प्रभावित हैं. गोंड ने आगे कहा कि अगर किसान आंदोलन में असली किसान हिस्सा ले रहे होते तो सब्जियां, दूध, अनाज और फल बाजार में नहीं पहुंच पाते. लेकिन इतने दिनों से चलने वाले इस आंदोलन के बाद भी ऐसे हालात पैदा नहीं हुए.
भाजपा सांसद गोंड ने किसान नेता राकेश टिकैत पर हमला बोलते हुए कहा कि वह किसान नेता नहीं बल्कि एक डकैत हैं. किसानों ने नाम पर प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियों की सच्चाई हर कोई जानता है. इसके पीछे कई विदेशी देशों का हाथ है. वहां से किसानों के आंदोलन को चलाने के लिए फंडिंग आ रहा है. इसकी जांच एजेंसियां कर रही हैं.
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