विवादित बयान देकर अक्सर सुर्खियों में बनी रहने वाली बीजेपी सांसद और 2008 मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्राज्ञा ठाकुर को इस बार नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताना भारी पड़ गया है. बीजेपी ने साध्वी के इस बयान पर बड़ी कार्रवाई करते हुए रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति से बाहर का रास्ता दिखा दिया है इतना ही नहीं जानकारी ऐसी भी मिल रही है कि पार्टी ने उन्हे संसदीय दल की बैठक में भी आने पर रोक लगा दिया है.
सूत्रों के हवाले से खबर हैं कि साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ पार्टी की अनुशासन समिति बड़ी कार्यवाही करेगी. उन्हें पार्टी से निष्कासित भी किया जा सकता है. बीजेपी के कार्यवाहक अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि संसद में कल का उनका बयान निंदनीय है. बीजेपी कभी भी इस तरह के बयान या विचारधारा का समर्थन नहीं करती है.
गौरतलब हो कि प्रज्ञा ने बुधवार को लोकसभा में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का जिक्र करते हुए बयान दिया था. हालांकि, लोकसभा की कार्यवाही से प्रज्ञा के इस बयान को हटा दिया गया. बाद में प्रज्ञा ने सफाई में कहा कि उन्होंने गोडसे नहीं, उधम सिंह का जिक्र आने पर ए. राजा को टोका था.
क्या है पूरा मामला
लोकसभा में एसपीजी संशोधन विधेयक, 2019 पर चर्चा चल रही थी। डीएमके सांसद ए. राजा ने चर्चा के दौरान कहा कि नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या इसलिए की क्योंकि वह एक खास विचारधारा से प्रेरित था। तभी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बीच में टोकते हुए कहा, ‘आप एक देशभक्त का उदाहरण इस संदर्भ में नहीं दे सकते हैं।’ प्रज्ञा के इस बयान पर सदन में हंगामा मच गया और इसे सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया।
बीजेपी लिया बड़ा फैसला
बुधवार को लोकसभा में दिए बयान के बाद बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रज्ञा को रक्षा मंत्रालय की कमिटी से हटाने की सिफारिश की। उन्होंने प्रज्ञा के बयान को अस्वीकार्य बताया और गहरी नाराजगी प्रकट की। नड्डा ने प्रज्ञा के बयान की निंदा करते हुए कहा, ‘पार्टी कभी भी ऐसे बयानों का समर्थन नहीं कर सकती है।’ उन्होंने कहा कि प्रज्ञा संसद सत्र के दौरान बीजेपी संसदीय दल की बैठक में हिस्सा नहीं ले सकेंगी।
पीएम मोदी की नाराजगी के बावजूद नहीं मानीं प्रज्ञा
बड़ी बात यह है कि प्रज्ञा ने नाथूराम पर यह बयान पहली बार नहीं दिया है। वह जब भोपाल से बीजेपी की लोकसभा उम्मीदवार थीं, तब भी उन्होंने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। तब हंगामा मचने पर बीजेपी बैकफुट पर आ गई थी और पीएम मोदी ने कहा था कि वह प्रज्ञा को कभी दिल से माफ नहीं कर पाएंगे। हालांकि, बाद में प्रज्ञा ने इस बयान पर माफी मांग ली थी।
पीएम ने तब एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में प्रज्ञा के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा, ‘गांधी और गोडसे के संबंध भयंकर खराब हैं, हर प्रकार घृणा के लायक है, आलोचना के लायक है, सभ्य समाज में ऐसी बातें नहीं कही जा सकती हैं। ऐसा कहने वालों को आगे से 100 बार सोचना पड़ेगा।’ पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘उन्होंने भले ही माफी मांग ली हो लेकिन मैं दिल से कभी उन्हें माफ नहीं कर पाऊंगा।’
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