राज्यसभा चुनाव से बिल्कुल पहले मणिपुर में बीजेपी की नेतृत्व वाली सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. पिछले कुछ दिनों के बदलते सियासी समीकरण के बाद जहां राज्य की एक राज्यसभा सीट हाथ निकलती हुई नजर आ रही है. वहीं सहयोगी दलों का साथ छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की सरकार पर भी खतरे का साया मंढराने लगा है.
बुधवार को नेशनल पीपुल्स पार्टी के उपमुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार समेत नेशनल पीपुल्स पार्टी के चार मंत्रियों ने इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए. इस्तीफा देने वालों में ट्रायबल एंड हिल्स एरिया डेवलपमेंट मिनिस्टर एन. कयिशी, यूथ एफेयर्स एंड स्पोर्ट्स मिनिस्टर लेतपाओ हाओकिप और हेल्थ एंड फैमिलि वेलफेयर मिनिस्टर एल. जयंत कुमार सिंह का नाम शामिल है. बदलते सियासी समीकरण के बीच चार मंत्रियों सहित सहयोगी दल के अन्य पांच विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है जिससे मुख्यमंत्री की कुर्सी खतरे में आ गई है.
मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में 2017 में होने वाले चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. वहीं भाजपा था 21 विधायकों के साथ दूसरे नंबर पर थी लेकिन भाजपा ने सभी गैर कांग्रेसी विधायकों को लामबंद कर मणिपुर में सरकार बनाने में कामयाब हुई थी. लेकिन अब मणिपुर विधानसभा में सिर्फ भाजपा के पास 18 विधायकों का समर्थन है.
राज्यसभा चुनाव से बिल्कुल पहले मणिपुर में भाजपा को बड़ा झटका लगा है. जहां एक राज्यसभा सीट के साथ ही साथ मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की सरकार पर भी खतरे का साया मंढराने लगा है. इस बीच कांग्रेस संख्याबल में बीजेपी से ज्यादा होने के बाद जल्द ही राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है.
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