शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है. मंगलवार को सदन में प्रदूषण पर चर्चा हुई, इसके अलावा विपक्ष ने कई मसलों पर केंद्र सरकार को घेरा. बुधवार को राज्यसभा में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के मसले पर रिपोर्ट पेश हुई. कांग्रेस की तरफ से गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने का मुद्दा उठाया गया. वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर को लेकर राज्यसभा में बयान देते हुए कहा कि घाटी के हालात में सुधर रहे हैं. इतने ही नहीं शाह ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि पूरे देश में एनआरसी लागू होगा.
ऐसे में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. ममता बनर्जी ने लोगों को आश्वस्त किया कि वह राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की इजाजत नहीं देंगी. बनर्जी ने एक जनसभा को यहां संबोधित करते हुए कहा, ” कुछ लोग ऐसे हैं जो राज्य में एनआरसी लागू करने के नाम पर अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि हम बंगाल में एनआरसी की कभी अनुमति नहीं देंगे.
उन्होंने कहा, ”कोई आपकी नागरिकता छीनकर आपको शरणार्थी नहीं बना सकता है. धर्म के आधार पर कोई बंटवारा नहीं होगा. पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू करने से पहले भाजपा को यह बताना चाहिए कि 14 लाख हिंदू और बंगालियों का नाम असम में एनआरसी सूची में क्यों नहीं है. असम में एनआरसी की अंतिम सूची में 19.6 लाख लोगों के नाम नहीं आने के बाद बंगाल में प्रस्तावित एनआरसी ने लोगों के बीच घबराहट पैदा कर दी है.