अहमदाबाद: गुजरात की आठ सहित 11 राज्यों की 54 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के वोटों की गिनती जारी है.
गुजरात की आठ सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा की जीत तय मानी जा रही है. लिंबडी सीट से भाजपा उम्मीदवार किरीट सिंह राणा ने 31 हजार से ज्यादा वोटों से कामयाबी हासिल की है.
जबकि कांग्रेस उम्मीदवार चेतन खाचर हार गए हैं. किरीट सिंह राणा ने तीसरी बार उपचुनाव में कामयाबी हासिल की है.
इससे पहले 1995 और 2013 में होने वाले उपचुनाव में उन्होंने कामयाबी हासिल की थी.
लिंबडी में भाजपा की जीत का कारण
गौरतलब है कि लिंबडी सीट पर भाजपा की जीत का सबसे बड़ा कारण किरीट सिंह राणा का विशाल राजनीतिक अनुभव है. जिसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिला.
इस सीट के कोली मतदाता भाजपा के पारंपरिक वोटर माने जाते हैं. लिंबडी सीट से सोमभाई के इस्तीफे के बाद कांग्रेस अंतिम समय तक कोई रणनीति नहीं बना पाई.
इसलिए कांग्रेस को अपनी एक और पुरानी सीट से हाथ धोना पड़ा.
इस सीट से कुल 14 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे. एक भाजपा उम्मीदवार, एक कांग्रेस उम्मीदवार और एक अखिल भारतीय राज्यसभा पार्टी के उम्मीदवार के साथ-साथ 11 निर्दलीय उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया.
उपचुनाव के लिए सबसे ज्यादा 14 उम्मीदवार सुरेंद्रनगर जिले की लिंबडी सीट से थे. जबकि दक्षिण गुजरात के वलसाड जिले की कपराडा सीट से सबसे कम 4 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे.
इसके अलावा बोटाद जिले की गढडा और मोरबी विधानसभा सीट पर 12-12 उम्मीदवार मैदान में थे.
लिंबडी सीट का राजनीतिक इतिहास
अगर हम लिंबडी सीट के राजनीतिक इतिहास के बारे में बात करते हैं इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार किरीट सिंह राणा का दबदबा है. इस सीट पर कांग्रेस ने 15 में से 8 चुनाव जीते हैं.
जबकि भाजपा को 6 बार चुनाव में कामयाबी हासिल हुई है. किरीट सिंह राणा 4 बार चुनाव जीत चुके हैं और तीन बार चुनाव हार चुके हैं.
इस सीट पर तणपदा और चुंवाणिया कोली समुदाय से प्रभावित है. राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले सोमाभाई के इस्तीफे के बाद लिंबडी सीट खाली हुई थी.
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