महाराष्ट में नई सरकार को 30 नवंबर को बहुमत साबित करना है. एनसीपी के जिन विधायकों के हस्ताक्षर राज्यपाल को सौंपे गए हैं उनका समर्थन यदि भाजपा को नहीं मिला, तो बहुमत साबित करना बड़ी चुनौती साबित होगी. लेकिन उससे पहले विपक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचकर जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है. ऐसे में आज कोर्ट ने तमाम पक्ष से जुड़े लोगों को नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई कल करने वाली है.
महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं. किसी भी पार्टी को सदन में अपना बहुमत साबित करने के लिए 145 का जादुई आंकड़ा चाहिए. भाजपा के पास 105 और एनसीपी के पास 54 सीटें हैं. शिवसेना के पास 56, कांग्रेस के पास 44 सीटें है. इसके अलावा बहुजन विकास अघाड़ी के खाते में तीन सीटें हैं. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन, प्रहर जनशक्ति पार्टी और समाजवादी पार्टी को दो-दो सीटें मिली हैं. जबकि महाराष्ट्र में निर्दलीयों विधायकों की संख्या 13 है,
यदि भाजपा और एनसीपी का संख्या बल मिला दिया जाए तो यह 159 होता है जो बहुमत से कहीं ज्यादा है. लेकिन जिन विधायकों के समर्थन का दावा भाजपा कर रही है, एनसीपी उनमें से ज्यादातर के वापस अपने खेमे में आने का दावा कर रही है. कहा जा रहा है कि करीब सात या आठ विधायक ही अजित पवार के साथ हैं. ऐसे में गणित उलझाने वाला हो सकता है.