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शिवसेना के वोट बैंक में सेंध लगाएंगे राज ठाकरे, BMC चुनाव में BJP चल सकती है बड़ा दांव

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मुंबई: महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद अब शिवसेना को बीएमसी के चुनाव में भी बड़ा नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है. चुनाव से ठीक पहले महाराष्ट्र में एक राजनीतिक बदलाव आकार ले रहा है. खबर है कि गठबंधन में चुनाव लड़ने को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच चर्चा चल रही है. हालांकि आधिकारिक तौर पर दोनों पक्षों की ओर से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है लेकिन लगातार हो रही हाई प्रोफाइल बैठक इस तरह के संकेत दे रहे हैं.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे से शिवतीर्थ पर उनके आवास पर मुलाकात की, जिसके एक दिन पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने भी राज से मुलाकात की थी. उससे पहले मनसे अध्यक्ष राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने उनके घर पहुंचे थे. भाजपा के इस दांव से मराठी वोट बैंक को अपनी ओर लाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राज ठाकरे को एक साथ लाने की कोशिश की जा रही है.

ठाणे के 66 पार्षद शिंदे गुट में शामिल हुए

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बीते दिनों पार्टी के बागी विधायक और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उन्हें एक और बड़ा झटका दिया था. ठाणे के 66 पार्षद शिंदे समूह में शामिल हो गए थे. अगले नगर निगम चुनाव से पहले शिंदे को 66 कॉरपोरेट्स का समर्थन शिवसेना के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है. ठाणे नगर निगम में शिवसेना पिछले कई दशकों से सत्ता में है. ठाणे को एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है. मेयर नरेश म्हास्के के साथ पार्षदों ने एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर समर्थन देने का ऐलान कर दिया है.

इस साल बीएमसी चुनाव

यहां बता दें कि बीएमसी चुनाव जल्द होने की संभावना जताई जा रही है. मतदाता अपने वार्ड से नगरसेवकों का चयन करेंगे. उसके बाद वह लोग निगम के महापौर और उप महापौर के चुनाव के लिए मतदान करेंगे. चुनाव की तैयारी पहले से ही चल रही है और महाराष्ट्र चुनाव आयोग जल्द ही इसकी तारीखों की घोषणा कर सकता है. बीएमसी चुनाव आमतौर पर अप्रैल-मई में होते हैं लेकिन इस बार ओबीसी आरक्षण के मुद्दे के कारण चुनाव में देरी हुई. ऐसे हालात में अगर चुनाव होता है तो शिवसेना को बड़ा झटका लगेगा. बीएमसी पर बीते कई सालों से शिवसेना का कब्जा है.

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