Gujarat Exclusive > राजनीति > कृषि कानूनों की तर्ज पर वापस हो CAA-NRC, नहीं तो UP की सड़कों को शाहीन बाग में बदल देंगे: ओवैसी

कृषि कानूनों की तर्ज पर वापस हो CAA-NRC, नहीं तो UP की सड़कों को शाहीन बाग में बदल देंगे: ओवैसी

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नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को लेकर देशभर में मचे बवाल की वजह से आधे दर्जन से ज्यादा राज्य की सरकारों ने इस कानून को लागू नहीं करने का ऐलान कर दिया था. कानून के विरोध में पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर की वजह से आंदोलन खत्म हो गया था. उसके बाद से लोग सीएए और एनआरसी को भूल गए थे. लेकिन कृषि कानूनों की वापसी के बाद इस कानून के वापसी की मांग तेज हो गई है.

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र की मोदी सरकार से मांग किया है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर के फैसले को भी वापस लिया जाए. इतना ही नहीं ओवैसी ने धमकी देते हुए कहा कि अगर NPR और NRC का कानून बनाएंगे तो हम दोबारा रोड पर उतरेंगे और यहां पर भी शाहीन बाग बना देंगे.

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि हम मोदी जी और BJP को बताना चाहेंगे कि आपने जिस तरह किसानों के लिए 3 कृषि कानूनों को वापस लिया, हम आपसे मांग करते हैं कि CAA कानून को भी वापस लिया जाए. CAA कानून संविधान के खिलाफ है, मज़हब की बुनियाद पर कानून नहीं बनाया जा सकता.

इससे पहले जिस दिन मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था उस दिन ओवैसी ने कहा था कि सरकार ने कृषि क़ानूनों को रद्द करने का फ़ैसला देरी से लिया है. यह किसान आंदोलन और किसानों की सफलता है. चुनाव में जाना था इसलिए केंद्र सरकार ने यह फ़ैसला लिया है. वह दिन भी दूर नहीं है, जब मोदी सरकार CAA का क़ानून भी वापस लेगी

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि 370 और नागरिकता क़ानून वापस लेने की अब मांग उठ रही है. जो लोग यह मांग कर रहे हैं, वे जानते हैं कि नागरिकता क़ानून नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि नागरिकता देने का क़ानून है.

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