पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर नागरिकता संशोधन कानून के दौरान हिंसा फैलाने का आरोप लगा था. इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने गृहमंत्रालय को खत लिखकर पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिंबंध लगाने की मांग किया था. ऐसे में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएफआई को लेकर एक नया खुलासा किया है जिसके बाद पीएफआई की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं.
उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून विरोध का पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया के साथ सीधा संपर्क था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिपोर्ट में पता चला है कि जिन इलाकों में CAA के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई थी, वहां PFI के हाथ होने के तार जुड़े हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 73 बैंक खातों में 120 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जमा की गई थी. इन पैसों का इस्तेमाल प्रदर्शन के लिए हुआ था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईडी की जांच में पाया गया कि दिसंबर में संसद से CAA पास होने के बाद पश्चिम यूपी के हिंसाग्रस्त इलाकों बिजनौर, हापुड़, बहराइच, शामली और डासना के कई बैंक अकाउंट में पैसे भेजे गए थे. रिपोर्ट के अनुसार, 73 बैंक अकाउंट में करीब 120 करोड़ रुपये भेजे गए थे. इन पैसों का इस्तेमाल विरोध-प्रदर्शनों की फंडिंग के लिए किया गया था.
इस रिपोर्ट के खुलासे के बाद बीजेपी ने कहा है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर कोई खास दिन इस तरह का वित्तीय लेनदेन हुआ है तो इसकी जांच होनी चाहिए.