कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था ठप्प पड़ गई है. कंपनियों पर ताले लग रहे हैं. व्यापार में भारी नुकसान हो रहा है. ऐसे में कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा है कि पिछले 60 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान भारत के खुदरा कारोबार को करीब 9 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
कारोबारियों की इस संस्था ने एक बयान में यह भी कहा कि पिछले सप्ताह सोमवार को लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील दिए जाने के बाद से मात्र लगभग पांच प्रतिशत कारोबार ही शुरू हो सका और आठ प्रतिशत श्रमशक्ति ही काम पर लौट पाया है.
सीएआईटी ने बयान में आगे कहा गया है कि व्यापार में नुकसान के कारण केंद्र और राज्य सरकारों को भी जीएसटी के रूप में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. बयान में कहा गया है कि देशभर के कारोबारी गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं और सरकार की तरफ से किसी नीतिगत समर्थन के बगैर वे अपने कारोबार के भविष्य को लेकर चिंतित हैं.
सीएआईटी ने कहा है कि करीब 5 लाख बाहर के कारोबारी दिल्ली के थोक बाजारों में सामान खरीदने आते थे, लेकिन परिवहन का साधन बंद होने के कारण दिल्ली के थोक बाजार सूनी पड़ी हैं. मालूम हो कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में 31 मई तक लॉकडाउन को बढा दिया गया है.
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