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आश्रम को जमीन लीज देने पर सख्त हुए सीबीएसइ, जांच रिपोर्ट पेश करने का दिया आदेश

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विवादास्पद स्वामी नित्यानंद के आश्रम में से दो लड़कियों के लापता होने के बाद पुलिस की जांच में हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. डीपीएस स्कूल द्वारा कैंपस की जमीन सीबीएसइ (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) की मंजूरी लिए बिना ही आश्रम को लीज पर दी गई है. पुलिस ने डीपीएस स्कूल के प्रिसिंपल हीतेश पुरी और पुष्पक सिटी के मैनेजर बकुल ठक्कर गिरफ्तार किया है. उधर सीबीएसइ के सेक्रेटरी द्वारा गुजरात के शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी किया गया है.

सीबीएसइ ने मामले का संज्ञान लेते हुए गुरुवार को राज्य के शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर बताया है कि स्कूल की जमीन ने स्वामी नित्यानंद आश्रम को बोर्ड की मंजूरी लिए बिना ही लीज पर दी गई है. बोर्ड की ओर से 2010 में स्टेट एजुकेशन डिपार्टमेंट के एनओसी से डीपीएस स्कूल को मंजूरी दी गई है. इस स्कूल को कक्षा 12 तक ही मंजूरी दी गई है और इसकी मान्यता 31-3-2022 तक है. जमीन के जो भी दस्तावेज सीबीएसइ और सरकार के सामने पेश किए गए उसमें भी कई तरीके की कमी पाई गई है. इसलिए बोर्ड ने तमाम मामलों की जांच कर शिक्षा विभाग को जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है.

दिल्ली पब्लिक स्कूल के मैनेजमेंट द्वारा अहमदाबाद पूर्व की मेहमदाबाद रोड पर हिरापुर गांव के निकट स्कूल कैंपस की जमीन सीएसआर के तहत कथित नित्यानंद आश्रम को लीज पर दी है. नित्यानंद द्वारा इस जमीन पर योगिनी सर्वज्ञान पीठम नामक संस्था का निर्माण किया गया. यहां नित्यानंद व उसके सेवकों द्वारा बच्चों को बंधकर बनाकर रखा जाता था. बच्चों से आश्रम के फालोवर्स बढ़ाने व डोनेशन लाने का दबाव डाला जाता था. आश्रम से बेंगलुरू की एक दंपति की दो लड़कियों क लापता होने की शिकायत के बाद पुलिस ने आश्रम में बंधकर चार बालकों को छुड़ाकर आश्रम की दो संचालिकाओं को गिरफ्तार नित्यानंद के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया है.

लेकिन अभी तक इस पूरे मामले में सबसे अहम भुमिका अदा करने वाले मंजुला पूजा श्रॉफ और अमिताभ शाह पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिसे देखकर ऐसा लगता है कि गुजरात पुलिस इन दोनों लोगों पर कार्रवाई करने से हिचकिचा रही है.