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धर्मनिरपेक्षता जैसे चैप्टर हटाने पर CBSE की सफाई- ‘मात्र 2020-21 के लिए बदलाव’

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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने नौवीं से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों के सिलेबस से कई चैप्टर हटा दिए हैं. सीबीएसई ने मंगलवार को शैक्षणिक सत्र 2020-21 से छात्रों के ऊपर सिलेबस का बोझ कम करने के लिए स्कूली कोर्स में 30 फीसदी कटौती की घोषणा की थी. सिलेबस में कमी के बाद अब धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद जैसे कई अध्यायों को मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है. बोर्ड ने स्कूली पाठ्यक्रम से लोकतांत्रिक अधिकार, फूड सिक्योरिटी, संघवाद, नागरिकता और निरपेक्षवाद जैसे चैप्टर हटा दिए हैं.

हालांकि इसको लेकर विपक्ष समेत कई अन्य लोग भी विरोध कर रहे हैं. अब सीबीएसई ने इसी को लेकर सफाई पेश की है. सीबीएसई ने कहा है कि सत्र 2020-21 के लिए कक्षा 9वीं से 12वीं तक के लगभग 190 विषयों के पाठ्यक्रम में बदलाव केवल एक बार के लिए किया गया है.

 

सीबीएसई ने पाठ्यक्रम संबंधी विवाद पर कहा, ”पाठ्यक्रम से जिन विषयों को हटाया गया है, उन्हें लॉकडाउन के दौरान स्कूलों में लागू वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर के तहत पहले की पढ़ाया जा चुका है. पाठ्यक्रम से जिन विषयों को हटाया गया है, 2021 बोर्ड परीक्षाओं में उनसे कोई प्रश्न नहीं पूछा जाएगा

सीबीएसई ने कोरोना वायरस संकट के बीच छात्रों पर सिलेबस का बोझ कम करने के मद्देनजर यह फैसला लिया. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए कक्षा नौवीं से 12वीं के लिए 30 प्रतिशत सिलेबस को घटाते हुए बुधवार को नया सिलेबस अधिसूचित किया. अद्यतन पाठ्यक्रम के मुताबिक, 10वीं कक्षा के पाठ्यक्रम से हटाए गए पाठ वे हैं जो लोकतंत्र एवं विविधता, लिंग, जाति एवं धर्म, लोकप्रिय संघर्ष एवं आंदोलन और लोकतंत्र के लिए चुनौतियां जैसे विषय से संबंधित थे.

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