चीन से जारी टकराव के बीच पहली बार रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया है कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की थी.
रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किए एक दस्तावेज में जानकारी दी गई है कि मई महीने में चीनी सैनिकों ने सीमा कानून का उल्लंघन किया था.
मंत्रालय की ओर से ये चौंकाने वाला बयान ऐसे वक्त में आया है जब मामले की शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए दोनों देशों की ओर से सैन्य स्तर पर बातचीत जा रही है.
रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से खुलासा
रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड दस्तावेज के मुताबिक पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में चीनी सेना ने सीमा कानून का उल्लंघन कर अतिक्रमण किया था.
ये घटनाएं खासतौर से पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी, कुंगरांग नाला, गोगरा और पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर अतिक्रमण किया है.
इतना ही नहीं इस दस्तावेज में कहा गया है कि मई में यह अतिक्रमण एलएसी पर भी नजर आया था.
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हिंसक झड़प का भी दस्तावेज में उल्लेख
मंत्रालय की ओर से अपलोड दस्तावेज में कहा गया है कि चीन ने एलएसी पर दखल बढ़ा दी है जिसकी वजह से गतिरोध लंबे समय तक जारी रहने की उम्मीद जताई जा रही है.
इस दस्तावेज में 15 जून पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में होने वाली हिंसक झड़प का भी उल्लेख किया गया है. जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे.
इस हिंसक हमले में चीन के भी कई सौनिकों के मारे जाने की खबर थी लेकिन आजतक चीन ने इसे स्वीकार नहीं किया है.
गौरतलब है कि 15 जून को भारतीय सेना के जवानों पर चीन सैनिकों के द्वारा किए जाने वाले कायराना हमले के बाद से देश में गुस्से का माहौल है.
इस मामले को लेकर लगातार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोल रहे हैं.
राहुल ने बीते दिनों हमला बोलते हुए कहा था कि चीन के मामले को लेकर केंद्र सरकार देश के लोगों से झूठ बोल रही है. इस मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच जमकर सियासी बयानबाजी भी हुई थी.
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