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केंद्र सरकार की सेंट्रल विस्टा परियोजना को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी, बनेगा नया संसद भवन

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सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला सुनाते हुए केंद्र की एक महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना पर मंजूरी की मुहर लगा दी है. फैसले के बाद अब जल्द ही नए संसद भवन का निर्माण शुरू होगा.

लेकिन कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि निर्माण कार्य शुरू करने के लिए हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी की अनुमति जरूरी है. Central Vista project

समिति से अप्रूवल मिलने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है. गौरतलब है कि बीते साल पीएम मोदी ने आधारशिला रखी थी.

हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी की अनुमति जरूरी Central Vista project

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ केन्द्र की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर यह फैसला सुनाया है.

गौरतलब है कि इस परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी दिये जाने और इसके लिए भूमि उपयोग में बदलाव सहित अनेक मुद्दों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी.

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक Central Vista project

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में सख्त रुख एख्तियार किया. शीर्ष न्यायालय ने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला न सुना दे, तब तक कोई निर्माण या कुछ भी तोड़फोड़ नही होनी चाहिए. Central Vista project

केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया है कि फैसला आने से पहले काम शुरू नहीं किया जाएगा.

जब तक नहीं आ जाता फैसला नहीं होगा निर्माण Central Vista project

अदालत ने सालिसिटर जनरल से पूछा कि आपने प्रेस रिलीज जारी कर निर्माण की तारीख तय की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा आगे इसपर कोई काम नहीं होना चाहिए.

शिलान्यास से हमें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन कोई निर्माण का काम आगे नही होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल को अपना पक्ष रखने के लिए 5 मिनट का समय दिया.

20 हजार करोड़ का सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. Central Vista project

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि हमने इस मामले को सूचीबद्ध किया है क्योंकि कुछ डवलपमेंट पब्लिक डोमेन में आया है. ये सही है कि प्रोजेक्ट पर कोई रोक नहीं है.

इसका मतलब यह नहीं है कि आप हर चीज के साथ आगे बढ़ सकते हैं.

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