लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सपा का कुनबा बढ़ता जा रहा है. भाजपा छोड़ने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी, भगवती सागर, विनय शाक्य, रोशन लाल वर्मा, मुकेश वर्मा, बृजेश कुमार प्रजापति समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में कल पार्टी में शामिल हुए थे. अखिलेश पहले से ही दावा कर चुके हैं कि इस बार होने वाले चुनाव में वह किसी बड़े दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. जंयती चौधरी की आरएलडी सहित कई छोटे-छोटे दलों को साथ लेकर चल रहे हैं.
इस बीच कल अचानक भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रेशखर आजाद कल सपा दफ्तर पहुंचकर अखिलेश यादव से मुलाकात की थी जिसके बाद चर्चा तेज हो गई थी कि वह सपा के साथ गठबंधन करेंगे या फिर सपा में शामिल हो जाएंगे. लेकिन आज उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया कि वह सपा के साथ चुनाव नहीं लड़ेंगे. इस मौके चंद्रशेखर ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप भी लगाया.
भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि मेरी अखिलेश यादव से पिछले 6 महीनों में काफी मुलाकातें हुईं हैं. इस बीच सकारात्मक बातें भी हुई लेकिन अंत समय में मुझे लगा कि अखिलेश यादव को दलितों की ज़रूरत नहीं है. वह इस गठबंधन में दलित नेताओं को नहीं चाहते. लेकिन वह यह जरुर चाहते हैं कि दलित उनको वोट करें.
चंद्रशेखर ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए आगे कहा कि भाजपा को रोकने के लिए हमारी कोशिश थी कि बिखरे हुए विपक्ष को एकजुट किया जाए. इसके लिए सबसे पहले हमने मायावती के साथ गठबंधन की कोशिश की थी. आजाद ने अखिलेश यादव पर सामाजिक न्याय का मतलब नहीं समझने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह हमारे अधिकारों के सवाल पर चुप हैं. कल उन्होंने अपमानित किया जो दुखद है. बहुजन समाज के लोगों को अपमान किया है.
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