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किसान नेताओं का दावा, मोदी सरकार आंदोलन को कर देना चाहती है कमजोर

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किसानों का विरोध प्रदर्शन 15 वें दिन में प्रवेश कर चुका है. किसान संगठन के लोग इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. Charge of farmer leaders

वहीं केंद्र की मोदी सरकार बीच का रास्ता निकालने के लिए किसान संगठनों से लगातार बातचीत कर रही है. लेकिन अभी तक होने वाली बातचीत में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है.

कल किसानों ने सरकार का मसौदा प्रस्ताव खारिज कर आंदोलन को तेज करने का ऐलान किया था.

सरकार पर प्रस्ताव खारिज कर आंदोलन को किया तेज Charge of farmer leaders

इस बीच किसानों ने साफ कर दिया कानून रद्द करने के अलावा हमें कुछ और मंजूर नहीं. किसानों ने कल सरकार का प्रस्ताव खारिज कर ऐलान किया था कि अब आंदोलन को तेज कर दिया जाएगा.

पहले दिल्ली की सड़कों को बंद कर दिया जाएग. उसके बाद 14 दिसंबर को राज्यों में जिला मुख्यालयों का घेराव किया जाएगा.

इतना ही नहीं आंदोलनरत किसानों ने कहा कि 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर राजमार्ग भी बंद कर दिया जायेगा. अगर इससे भी बात नहीं बनी तो मोदी सरकार के मंत्रियों का घेराव किया जाएगा.

सरकार की मंशा ठीक नहीं

भारतीय किसान यूनियन के नेता मंजीत ने कहा कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है. सरकार चाहती है यह आंदोलन लंबा चले और कमजोर पड़ जाए. Charge of farmer leaders

लेकिन सरकार गलतफहमी में है. हमारा आंदोलन बढ़ रहा है. आज भी देश के अलग-अलग हिस्सों से किसान हमारा साथ देने के लिए दिल्ली आ रहे हैं.

किसान नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर तीनों कानून रद्द नहीं किये जाते तो एक के बाद एक दिल्ली की सड़कों को बंद किया जायेगा. Charge of farmer leaders

किसान सिंघु बॉर्डर से निकलकर दिल्ली में प्रवेश भी कर सकते हैं. गौरतलब है कि देश के अलग-अलग राज्यों के किसान राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर डंटे हुए हैं.

किसानों के आंदोलन लंबा हो सकता है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है क्योंकि किसान घर से कपड़ा और राशन लेकर निकले हैं.

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