राजस्थान में जारी सियासी संकट के बी आज हाईकोर्ट ने आज अपना फैसला सुनते हुए सचिन और उनके बागी विधायकों के खिलाफ जारी स्पीकर की नोटिस पर रोक लगा दिया है. कोर्ट के इस फैसले के बाद गहलोत खेमे में हलचल तेज हो गई है. फैसला आने के बाद जयपुर के होटल फेयरमाउंट से मुख्यमंत्री अपने विधायकों को लेकर राज्यपाल से मुलाकात करने के लिए रवाना हो चुके हैं.
मिल रही जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री गहलोत राज्यपाल के सामने विधायकों का परेड कराना चाहते हैं. ताकि वह दिखा सकें कि उनके पास पर्याप्त संख्या में विधायक है. राज्य में जारी सियासी संकट के बीच गहलोत ने राज्यपाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह ऊपर से दबाव की वजह से विधानसभा का सत्र नहीं बुला रहे हैं.
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सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हमने कल रात राज्यपाल को खत लिखकर मांग की थी कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए और राज्य में फैले कोरोना महामारी के साथ ही साथ अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाए. हमें उम्मीद थी कि वह कल रात है इसे लेकर आदेश जारी कर देंगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. इस बात से मुझे दुख पहुंचा लेकिन हमें मालूम है कि उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया क्योंकि उनके ऊपर ऐसा ही करने को दबाव है.
राजस्थान में जारी सियासी हंगामा के बीच विधायक दल की दूसरी बैठक में प्रस्ताव पास हुआ था कि सचिन और उनके सहयोगी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. प्रस्ताव पास होने के फौरन बाद पार्टी ने कार्रवाई करते हुए सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया था. जिसके बाद विधानसभा स्पीकर ने इन लोगों को नोटिस जारी कर पार्टी बैठक में हिस्सा नहीं लेने को लेकर जवाब तलब किया था. इस मामले को लेकर ही सचिन और उनके सहयोगी विधायकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
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