पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक सीओ रैंक के अधिकारी समेत 20 सैनिक शहीद हो गए. 1962 के बाद पहली बार एलएसी पर इतना बड़ा सैन्य टकराव देखने को मिला. भारत-चीन सीमा पर जारी गतिरोध अब हिंसक बन गया है. जिसकी वजह से दोनों ही देशों में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है.
वहीं इस बीच चीनी विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि भारतीय सेना ने हमारी सीमा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है. इतना ही नहीं चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि गालवान घाटी क्षेत्र की संप्रभुता हमेशा चीन से संबंधित रही है. सीमा से जुड़े मुद्दों और हमारी कमांडर स्तर की वार्ता की सर्वसम्मति पर के बाद भी भारतीय सेना ने सीमा पार किया लेकिन चीन भारत के साथ इससे ज्यादा झड़प नहीं चाहता.
From the Chinese side, we do not wish to see more clashes: Zhao Lijian, Chinese Foreign Ministry Spokesperson on #GalwanValley clash pic.twitter.com/SEQWGUvg6W
— ANI (@ANI) June 17, 2020
इतना ही नहीं चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर से गलवान घाटी पर अपना दावा ठोकते हुए कहा की वहां कि संप्रभुता हमेशा से चीन से संबंधित रही है. गौरतलब हो कि लद्दाख में स्थित यह वही जगह है जिसका तार 1962 के युद्ध से भी जुड़ा हुआ है. गालवान घाटी में अक्सर दोनों देश के सैनिकों के बीच झड़प की खबर सामने आती है.
चीन के इस कायराना हरकत के बाद भारत और चीन के बीच होने वाली सैन्य स्तर की बातचीत को फिलहाल रोक दिया गया है. इतना ही नहीं सेना को एलएसी पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. इस बीच चीन जहां गलवान घाटी पर फिर से अपना दावा ठोक रहा है वहीं दूसरे तरफ कह रहा है कि वह भारत के साथ और ज्यादा झड़प नहीं चाहता. चीन के इस दोहरे रवैया की ये पहला मामला नहीं है इससे पहले भी चीन इसी तरीका का दोहरा रवैया अख्तियार कर चुका है.
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