भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद की आंच अब डिजिटल वर्ल्ड पर पड़ रहा है. एक दिन पहले 59 चीनी ऐप्स को प्रतिबंधित करने के बाद अब केंद्र की मोदी सरकार चीन को एक और झटका देने की तैयारी में है. खबर है कि दोनों देशों के बीच तनातनी की चपेट में एक और चीनी कंपनी हुवै भी आ सकती है. हुवै भारत में 5G सेवाओं का एक प्रमुख दावेदार है. इसको लेकर सोमवार को मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक में भी हुई.
सूत्रों के मुताबिक, कल (सोमवार) मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक में 5G पर चर्चा हुई. गृह मंत्री अमित शाह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद , विदेश मंत्री एस जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल बैठक में शामिल हुए. बैठक के नतीजों का पता नहीं चल पाया है. उधर भारत सरकार के 59 चीनी ऐप्स को बैन करने के फैसले पर चीन की सरकार की तरफ से प्रतिक्रिया आई है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिज़ियान ने कहा कि वह इस कदम से बेहद चिंतित हैं और पूरी स्थिति पर नज़र रखें हुए हैं.
मालूम हो कि भारत में 5G की नीलामी फिलहाल एक साल के लिए टाली गई है लेकिन पिछले साल हुवै को 5G ट्रायल में भाग लेने की अनुमति दी गई थी. अमेरिका दुनिया भर के देशों पर दबाव डाल रहा है कि हुवै को बाहर रखा जाए. अमेरिका में हुवै के उत्पादों पर मई 2021 तक के लिए पाबंदी लगाई गई है. भारत में हुवै का विरोध हो रहा है क्योंकि इसके संस्थापक के पीएलए से रिश्ते बताए जाते हैं. सिंगापुर में 5G की दौड़ से हुवै बाहर हो चुका है. वहां नोकिया और एरिक्सन को मौका मिला है. अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षा कारणों के मद्देनजर हुवै को ट्रायल से बाहर रखा गया था.
गौरतलब है कि देश की सुरक्षा पर खतरे वाले चीनी ऐप्स पर सरकार ने एक्शन शुरु कर दिया है. टिकटॉक और यूसी ब्राउजर सहित 59 चीनी ऐप्स पर कल बैन लगा दिया गया है. चीन के 59 ऐप पर तो पहले ही पाबंदी लग चुकी है. चीन के दूसरे ऐप पर भी बैन की तलवार लटकी हुई है. बैन सभी ऐप का डेटा अगले एक- दो दिन में रोक दिया जाएगा. गूगल प्ले स्टोर स्टोर से ये ऐप हटा दी गई हैं.
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